एक ऐसा नवाब जिसके अत्याचार से कांप गए थे अंग्रेज


Sagar Bhardwaj
2024/04/09 19:46:42 IST

आजाद भारत का आखिरी नवाब

    बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को आजाद भारत का आखिरी नवाब कहा जाता है क्योंकि उसके मरने के बाद भारत पर अंग्रेजों का शासन हो गया था.

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अंग्रेजों पर ढहाया था कहर

    कहा जाता है कि सिराजुद्दौला ने अंग्रेजों पर वो कहर ढहाया था कि उनकी रूह कांप उठी थी.

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ब्लैक होल ऑफ कलकत्ता की घटना याद है

    सिराजुद्दौला से जुड़ी इस घटना को भारतीय इतिहास की रूह कंपा देने वाली घटना के तौर पर याद किया जाता है.

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क्या है ब्लैक होल

    कोलकाता के फोर्ट विलियम में 18 फीट लंबा और 14 फीट चौड़ा एक खास कमरा है, जिसका नाम 'ब्लैक होल' रखा गया था. इस कमरे में दो बेहद छोटे रोशनदान हैं जिसकी वजह से इसका नाम ब्लैक होल रखा गया था.

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अंग्रेजों की कब्रगाह बना यह कमरा

    अंग्रेजों ने इस कमरे को छोटे-मोटे अपराधियों को सजा देने के लिए बनवाया था लेकिन उन्हें क्या बता था कि यह कमरा आगे चलकर उनकी कब्रगाह बन जाएगा.

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सिराजुद्दौला ने दिया था अंग्रेजों को अल्टीमेटम

    हुआ ये था कि जब फोर्ट विलियम पूरा बन गया तो अंग्रेजों ने यहां अपनी सैन्य शक्ति बढ़ानी शुरू कर दी. सिराजुद्दौला ने उन्हें ऐसा करने से मना किया लेकिन वो नहीं माने. इस बात से नाराज नवाब ने 19 जून 1756 में फोर्ट विलियम पर चढ़ाई कर दी.

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सिराजुद्दौला की सेना के आगे बेदम हुए गोरे

    उस समय अंग्रेजों के पास उतनी सैन्य शक्ति नहीं थी कि वो सिराजुद्दौला का मुकाबला कर सकें. इसलिए कुछ अंग्रेस पानी के रास्ते वहां से भाग गए, हालांकि करीब 200 अंग्रेज कमांडर जॉन जेड हॉलवेल के नेतृत्व में किले की कमान संभाले रहे, लेकिन वे नवाब की सेना के आगे नाकाफी थे.

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146 अंग्रेजों को बनाया बंदी

    सिराजुद्दौला की सेना ने किले में भारी तोड़फोड़ मचाई और 20 जून 1756 को 146 अंग्रेजों को बंदी बनाकर उस ब्लैक होल कमरे में बंद कर दिया. बंदियों में स्त्रियां और बच्चे भी शामिल थे.

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123 की हुई मौत

    23 जून को जब कमरे का दरवाजा खोला गया तो सिर्फ 23 लोग ही जिंदा बचे थे, जबकि 123 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई थी. अंग्रेज कमांडर जॉन जेड हॉलवेल भी बच गया था. मरने वालों को गड्ढा खोदकर वहीं दफना दिया गया. आज उसी जगह पर ब्लैक होल मेमोरियल है.

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