ये हैं प्रेमानंद महाराज के गुरु, इनसे मिली है नाम जप की दीक्षा
Mohit Tiwari
2024/02/24 02:42:28 IST
आम से लेकर खास दर्शन को हैं बेताब
हर आम से लेकर खास व्यक्ति भी स्वामी प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए बेताब रहता है.
Credit: googleवाराणसी से आए थे वृंदावन
प्रेमानंद महाराज भगवान शिव की नगरी काशी से वृंदावन आए थे.
Credit: googleकरते थे वृंदावन की परिक्रमा
वृंदावन आने के बाद वे वहां की परिक्रमा करते थे और इसके बाद बांके बिहारी के दर्शन करते थे.
Credit: googleश्लोक ने बढ़ाई जिज्ञासा
परिक्रमा के समय महाराज जी को एक महिला मिला, जो संस्कृत में श्लोक गाते हुए परिक्रमा कर रही थी.
Credit: googleश्लोक का जानना चाहा अर्थ
संस्कृत का ज्ञान रखते हुए भी प्रेमानंद महाराज उस श्लोक का अर्थ नहीं समझ पाए तो उन्होंने उस महिला से श्लोक का अर्थ पूछ लिया.
Credit: googleबनना पड़ेगा राधावल्लभी
महिला ने मुस्कुराते हुए जबाब दिया कि अगर उनको इसका अर्थ जानना है तो उनको राधावल्लभी बनना पड़ेगा.
Credit: googleइनसे हुआ मिलाप
इसके बाद प्रेमानंद महाराज राधावल्लभ मंदिर पहुंचे. जहां उनकी मुलाकात मोहित मराल महाराज से हुई.
Credit: googleदिया मंत्र
गुरु मोहित मराल ने प्रेमानंद महाराज ने उनको एक शरणागत मंत्र के साथ दीक्षा दी.
Credit: googleश्रीहित गौरांगी शरण महाराज के गए पास
मोहित मराल ने उन्हें श्रीहित गौरांगी शरण महाराज के पास भेजा. गौरांगी शरण महाराज ने उनको वृंदावन की प्रेम रस महिमा को आत्मसात करने में मदद की.
Credit: googleबन गए शिष्य
कई सालों तक प्रेमानंद महाराज ने गौरांगी शरण महाराज से दीक्षा ली. आज भी हर गुरुवार को प्रेमानंद महाराज अपने गुरु गौरांगी शरण दास से मिलने जाते हैं.
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