मूर्ति का ये रंग स्यामल रूप को दर्शाता है. ये काले रंग के शालिग्राम की बनी होने की वजह से भी ऐसी है.
मूर्ति का राज
ये मूर्ति केवल शालिग्राम पत्थर की बनी है. इसमें कोई दूसरा पत्थर नहीं जोड़ा गया है.
शालिग्राम क्यों इस्तेमाल हुआ?
ताकि ये मूर्ति दशकों तक ऐसी ही चमकती रही. ये इस पत्थर की खासियत होती है.
मूर्तिकार कौन है?
ये मूर्ति कर्नाटक के अरुण योगीराज ने बनाई है.
मूर्ति की बनावट का राज
मूर्ति ऐसे बनी है कि इसमें विष्णु के 10 अवतार हैं. निचले स्तर पर हनुमान और दूसरी तरफ गरुड़ हैं. मुकुट के किनारे सूर्यदेव, शंख, स्वास्तिक, चक्र और गदा है.
मूर्ति खड़ी क्यों हैं?
ऐसा इसलिए है ताकी दूर खड़े लोगों को भी इसके दर्शन हो सकें.
मंदिर की उम्र का राज
इसके लिए राम मंदिर में लोहे और स्टील का इस्तेमाल नहीं किया गया है. ताकी बार-बार रिपेयर ना करना पड़े.
तांबे के पाइप का राज
गर्भ गृह में मूर्ति को जमीन से जोड़ने के लिए ऐसा किया गया है. इसके पीछे ऊर्जा का संचार मुख्य मान्यता है.
राम मंदिर की छत किस मैटल की बनी है?
छत पर तांबे का इस्तेमाल किया है जो पत्थर को जोड़ने का काम करता है. इससे भी मंदिर की उम्र बढ़ेगी.
2 हजार फीट नीचे क्या छुपा है
रामायण से जुड़ी चीजों को पीढ़ियों तक सुरक्षित रखने के लिए एक कैप्सूल दफनाया गया है.