AI के बाद एक और सॉफ्टवेयर, क्या इंसानों को करेगा रिप्लेस?
India Daily Live
2024/08/14 12:52:16 IST
लिविंग कंप्यूटर
इस कंप्यूटर का सबसे बड़ा पहलू इसकी कंप्यूटर चिप की तरह सूचना शेयर करने की क्षमता है.
Credit: Social Mediaक्या है लिविंग कंप्यूटर तकनीक?
यदि इस प्रकार की कंप्यूटिंग को दुनिया भर में अपनाया जाता है, तो इसकी संभावना है कि ये ऊर्जा संकट को हल कर सकता है
Credit: Social Mediaइसे किसने बनाया?
स्वीडिश वैज्ञानिकों ने मानव मस्तिष्क के ऊतरकों से निर्मित कंप्यूटर बनाया है.
Credit: Social Mediaकितने ऑर्गेनोइड्स होते हैं?
16 ऑर्गेनोइड्स होते हैं. जिसमें 16 ऑर्गेनोइड्स होते हैं, जो प्रयोगशाला में विकसित मस्तिष्क कोशिकाओं के समूह होते हैं ये ऑर्गेनोइड्स एक दूसरे के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं.
Credit: Social Mediaकैसे काम करता है लिविंग कंप्यूटर?
ये ऊतक एक पारंपरिक कंप्यूटर चिप की तरह ही काम करते हैं, इसे एक सर्किट के काम की तरह भी समझा जा सकता है. हालांकि जो बात इसे खास बनाती है वो यह कि लिविंग कंप्यूटर कम ऊर्जा का उपयोग करते हैं.
Credit: Social Mediaलिविंग कंप्यूटर का काम
फ़ाइनलस्पार्क ने दुनिया भर के शोधकर्ताओं के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के रूप में इस तकनीक को लॉन्च किया है. हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर के पहलुओं को मिलाकर बनाया गया यह 'वेटवेयर' ऊर्जा संकट को दूर करने और मानव मस्तिष्क के बारे में हमारी समझ को आगे बढ़ाने का काम करेगा
Credit: Social Mediaलिविंग कंप्यूटर में बिजली खपत
जीवित कंप्यूटर 1,000 गुना अधिक मेमोरी प्रदान करता है और पारंपरिक सुपरकंप्यूटर द्वारा खपत 21 मेगावाट की तुलना में केवल 10 से 20 वाट का उपयोग करता है.
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