पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश का शव बेंगलुरु के HSR लेआउट स्थित उनके तीन मंज़िला मकान के भूतल पर मिला. उनके शरीर पर धारदार हथियार से हमला होने के निशान पाए गए.
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पुलिस को हत्या का शक
एसीपी विकास कुमार के मुताबिक, यह मामला आंतरिक प्रकृति का हो सकता है. परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है और संपत्ति विवाद की कड़ी भी सामने आ रही है.
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हत्या का मकसद अब तक साफ नहीं
अभी तक किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है और न ही हत्या के पीछे की मंशा स्पष्ट हो पाई है. पुलिस ने केस दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू कर दी है.
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कौन थे ओम प्रकाश?
ओम प्रकाश 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. वे बिहार के चंपारण जिले से थे और जियोलॉजी में मास्टर डिग्री रखते थे. उन्होंने कई जिलों में एसपी और एएसपी के रूप में सेवाएं दीं.
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कई सालों तक दी DGP के रूप में सेवा
2015 में वे कर्नाटक के डीजीपी बने और दो वर्षों तक इस पद पर कार्यरत रहे. उन्होंने CID, फायरफिघ्टइंग डिपार्टमेंट और लोकायुक्त जैसे अहम पदों पर भी जिम्मेदारी निभाई.
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पहले जता चुके थे जान का खतरा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिटायर्ड होने के बाद ओम प्रकाश ने कुछ करीबी साथियों से अपनी जान को खतरे की आशंका ज़ाहिर की थी, जो अब इस मौत को और रहस्यमयी बना रहा है.
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पारिवारिक विवाद की जांच में जुटी पुलिस
पुलिस को शक है कि परिवार के किसी करीबी का इस वारदात में हाथ हो सकता है. बताया जा रहा है कि संपत्ति को लेकर घरेलू तनाव था, जिस पर अब जांच केंद्रित है.