प्रेमानंद महाराज जी के अनुसार, यहां इस बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है कि चांदी की अंगूठी पहनने के लिए कौन सी उंगली सर्वोत्तम है और इसके पीछे क्या महत्व है.
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ज्योतिष में चांदी को सकारात्मक और शुभ ऊर्जा
भारतीय संस्कृति और ज्योतिष में चांदी को सकारात्मक और शुभ ऊर्जा का वाहक माना जाता है.
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वाहक
चांदी को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है और चंद्रमा मानसिक शांति का कारक है.
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चन्द्रमा प्रतीक
अलग-अलग उंगलियों में चांदी की अंगूठी पहनने का अलग-अलग अर्थ और उद्देश्य होता है.
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चांदी की अंगूठी पहनने के लिए कौन सी उंगली सबसे अच्छी है?
प्रेमानंद महाराज के अनुसार बाएं हाथ की कनिष्ठा अंगुली में चांदी की अंगूठी पहनना लाभकारी माना जाता है.
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कनिष्ठा (छोटी अंगुली)
इसे लाभदायक इसलिए माना जाता है क्योंकि बायां हाथ ग्रहण करने वाला हाथ है, जबकि दायां हाथ क्रियाशीलता का प्रतीक माना जाता है.
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कारण
इसके अलावा कुछ गुरु इसे अनामिका उंगली में पहनने की सलाह देते हैं, खासकर चंद्र दोष के निवारण के लिए.
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सूर्य और शुक्र
कनिष्ठिका उंगली में चांदी की अंगूठी पहनने से शुक्र की ऊर्जा संतुलित होती है, समृद्धि, सौंदर्य और रिश्ते में सुधार होता है.
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रिंग फिंगर
ज्योतिष में अनामिका उंगली सूर्य और शुक्र से जुड़ी होती है.