रमजान के दौरान ऐसे रखें खुद को एनर्जेटिक, दमदार हैं ये 9 टिप्स
Reepu Kumari
2025/02/27 22:19:21 IST
रमजान 1 मार्च से शुरू
इस्लामी चंद्र कैलेंडर का नौवां महीना रमजान, दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला एक पवित्र महीना है. अगर 28 फरवरी को रमजान का चांद दिखाई देता है, तो इस साल रमजान 1 मार्च से शुरू होगा.
Credit: Pinterest भरपूर पानी पियें
उपवास की शुरुआत और अंत में भरपूर पानी पीना चाहिए. इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी. उपवास के अलावा तरबूज, खीरा और सूप जैसे पानी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाकर भी शरीर को हाइड्रेट रखा जा सकता है.
Credit: Pinterestतले हुए या मीठे खाद्य पदार्थों से बचें
जटिल कार्बोहाइड्रेट, लीन प्रोटीन, स्वस्थ वसा और फाइबर से भरपूर संतुलित आहार खाने से उपवास के दौरान आपकी ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने और भूख को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है.
तले हुए या मीठे खाद्य पदार्थों से बचें, क्योंकि वे पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
Credit: Pinterestपौष्टिक नाश्ता लें
रमजान के दौरान सुबह के पहले भोजन के रूप में ओट्स, साबुत अनाज, अंडे और दही जैसे धीरे-धीरे पचने वाले खाद्य पदार्थों का चयन करने से पूरे दिन ऊर्जा प्राप्त करने में मदद मिलती है.
Credit: Pinterestउदारवादी व्यायाम
उपवास के अलावा हल्के से मध्यम व्यायाम करने से रक्त प्रवाह में सुधार होता है और मूड भी अच्छा रहता है. इसलिए, आराम महसूस करने के लिए आप टहलना, योग या स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं.
Credit: Pinterestध्यानपूर्वक खाएं
रमजान के दौरान कोई भी खाना खाते समय उसे अच्छी तरह चबाना चाहिए, धैर्यपूर्वक खाना चाहिए और अच्छी तरह निगलना चाहिए. इससे भूख कम लगती है और पेट भरा हुआ महसूस होता है. थोड़ा-थोड़ा करके खाने से आप ज़्यादा खाने से बच सकते हैं.
Credit: Pinterestपोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ
विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल, सब्जियां, मेवे, बीज और फलियां जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाना रमजान के दौरान बहुत फायदेमंद माना जाता है.
Credit: Pinterestइन नियमों का करें पालन
रमजान के दौरान बार-बार हाथ धोने, भोजन को उचित तरीके से संभालने तथा भोजन तैयार करने वाले स्थान को साफ रखने से भोजन जनित बीमारियों और जठरांत्र संबंधी विकारों से बचा जा सकता है.
Credit: Pinterestतनाव का ऐसे करें कम
उपवास के दौरान, गहरी सांस लेने के व्यायाम, ध्यान, प्रार्थना और प्रियजनों के साथ समय बिताकर तनाव को दूर करने का प्रयास करना चाहिए. यदि आवश्यक हो तो डॉक्टर से परामर्श भी लिया जा सकता है.
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