मॉरिशस में भारतीयों का दबदबा, PM मोदी के दौरे से और मजबूत होंगे रिश्ते
Ritu Sharma
2025/03/11 10:43:53 IST
मॉरिशस - हिंद महासागर में भारत का सबसे करीबी सहयोगी
मॉरिशस की 48% आबादी हिंदू है, जिससे यह दुनिया में हिंदू बहुल देशों में शामिल होता है.
कुल जनसंख्या 13 लाख है, जिसमें 70% भारतीय मूल के लोग रहते हैं.
इसे मिनी इंडिया कहा जाता है क्योंकि यहां की संस्कृति, परंपराएं और भाषा भारत से काफी मेल खाती हैं.
Credit: Social Mediaअरबों डॉलर का निवेश: भारत-मॉरिशस व्यापारिक संबंध
मॉरिशस भारत का दूसरा सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है.
पिछले दो दशकों में 161 अरब डॉलर से अधिक का निवेश भारत में आया है.
भारत के 11 बड़े सार्वजनिक उपक्रम मॉरिशस में काम कर रहे हैं.
Credit: Social Mediaहिंद महासागर में भारत की रणनीतिक पकड़
मॉरिशस हिंद महासागर में भारत की सुरक्षा नीति के लिए अहम भूमिका निभाता है.
भारत ने 2015 में Security and Growth for All in the Region (SAGAR) मिशन के तहत अगालेगा आइलैंड पर मिलिट्री बेस बनाया.
चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए भारत ने यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट किया है.
Credit: Social Mediaशिक्षा और रोजगार में भारतीयों की मौजूदगी
2,300 भारतीय छात्र मॉरिशस में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.
बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक यहां व्यवसाय और नौकरियों में सक्रिय हैं.
Credit: Social Mediaआतंकवाद के खिलाफ सहयोग
मॉरिशस भारत की आतंकवाद विरोधी नीति का समर्थन करता है.
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मॉरिशस भारत की रणनीतिक नीतियों का समर्थन करता रहा है.
ग्लोबल साउथ समिट और G20 सम्मेलन में भारत ने मॉरिशस को विशेष आमंत्रित देश के रूप में बुलाया.
Credit: Social Mediaराजनयिक संबंधों की मजबूती
2015 में पीएम मोदी ने मॉरिशस में राष्ट्रीय दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया.
2023 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मॉरिशस के राष्ट्रीय दिवस पर सम्मानित अतिथि बनीं.
भारत के शपथ ग्रहण समारोहों में मॉरिशस के नेता विशेष रूप से शामिल होते रहे हैं.
Credit: Social Mediaसमुद्री सुरक्षा और अंतरिक्ष में सहयोग
भारत और मॉरिशस के बीच समुद्री सुरक्षा को लेकर कई समझौते हुए हैं.
भारत अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में भी मॉरिशस की मदद कर रहा है.
पीएम मोदी का मॉरिशस दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूती देने का संकेत है. भारत और मॉरिशस सिर्फ सांस्कृतिक रूप से नहीं, बल्कि व्यापार, सुरक्षा और कूटनीतिक रूप से भी बेहद करीब हैं.
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