
UNESCO में श्रीमद्भगवद गीता और नाट्यशास्त्र ने कौन सा इतिहास रचा?
Anvi Shukla
2025/04/18 14:28:56 IST

भारत के दो अमूल्य धरोहर
श्रीमद्भगवद् गीता और नाट्यशास्त्र अब यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल. हर भारतीय के लिए गर्व का पल.
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क्या है मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर?
यूनेस्को की यह पहल दुनिया की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दस्तावेज़ों को संरक्षित करने के लिए शुरू की गई है.
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गीता – आत्मा, धर्म और कर्म का ज्ञान
भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के संवाद पर आधारित गीता, जीवन और अध्यात्म का गहरा मार्गदर्शन करती है.
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नाट्यशास्त्र – कला और संस्कृति का खजाना
भरतमुनि द्वारा रचित नाट्यशास्त्र नृत्य, संगीत और रंगमंच की दुनिया का सबसे प्राचीन ग्रंथ माना जाता है.
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प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं
PM मोदी ने लिखा – 'हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण, गीता और नाट्यशास्त्र हमारी समृद्ध संस्कृति के प्रतीक हैं.'
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पीढ़ियों से चलती आ रही परंपरा
गीता और नाट्यशास्त्र न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में ज्ञान, संस्कृति और प्रेरणा का स्रोत हैं.
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गीता की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक
कर्म, भक्ति और ज्ञान का संदेश देने वाली गीता आज की पीढ़ी को भी मार्गदर्शन देती है.
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विकसित शास्त्रीय नृत्य
भरतमुनि के इस ग्रंथ से ही कथक, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी जैसी शास्त्रीय नृत्य शैलियां विकसित हुईं.
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ज्ञान और संस्कृति
गीता और नाट्यशास्त्र जैसे ग्रंथ न केवल भारतीय संस्कृति के प्रतीक हैं, बल्कि वे आज भी विश्व को रोशनी दे रहे हैं.
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