
कश्मीर में खून की 11 तारीखें, जो कभी नहीं भूल पाएगा देश
Ritu Sharma
2025/04/23 10:17:53 IST

छत्तीसिंहपोरा नरसंहार (2000)
21 मार्च 2000 को अनंतनाग के इस गांव में आतंकियों ने 36 सिखों की निर्मम हत्या की.
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नुनवान बेस पर हमला (2000)
अमरनाथ यात्रा के दौरान पहलगाम में तीर्थ यात्रियों पर हमला, 32 लोगों की मौत हुई.
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शेषनाग बेस पर हमला (2001)
जुलाई में फिर अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया गया, 13 श्रद्धालुओं की जान गई.
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विधानमंडल फिदायीन हमला (2001)
श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर विधानमंडल पर आत्मघाती हमला, 36 लोग मारे गए.
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चंदनवारी बेस पर हमला (2002)
अमरनाथ यात्रा के दौरान एक और हमला, जिसमें 11 यात्रियों की जान चली गई.
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राष्ट्रीय राजमार्ग पर विस्फोट (2002)
जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर IED ब्लास्ट में 19 लोगों की मौत, जिनमें सुरक्षाकर्मी और महिलाएं शामिल थीं.
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पुलवामा नरसंहार (2003)
23 मार्च को नंदीमार्ग गांव में आतंकियों ने 24 कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी.
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पुलवामा कार ब्लास्ट (2005)
स्कूल के पास धमाका, जिसमें 2 बच्चों समेत 13 लोगों की मौत हुई.
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कुलगाम में मजदूरों की हत्या (2006)
9 बिहारी और नेपाली मजदूरों की आतंकियों ने बेरहमी से हत्या कर दी.
Credit: Social Mediaपहलगाम का ताजा हमला (2025)
22 अप्रैल को बैसारन घाटी में टूरिस्टों पर आतंकी हमला, अब तक 26 मौतों की पुष्टि.
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