मालदीव ने खत्म किया जल समझौता, इससे हिंद महासागर में भारत को कितना नुकसान?


Bhoopendra Rai
2023/12/18 08:33:01 IST

भारत बनाम मालदीव

    मालदीव की नई सरकार ने भारत-मालदीव के बीच साल 2019 में किए गए जल समझौते यानी हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट को खत्म करने का ऐलान किया है.

7 जून, 2024 को रिन्यू किया जाना था

    यह समझौता 7 जून, 2024 को रिन्यू किया जाना था, लेकिन इससे पहले ही मालदीव सरकार ने इस पर ब्रेक लगा दिया है.

बड़ी डील साबित हो रही थी

    भारत-मालदीव के बीच समुद्र परिवहन के क्षेत्र में यह एक बड़ी डील साबित हो रही थी, लेकिन मालदीव की नई सरकार ने इसे आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है.

हिंद महासागर में भारत के हितों का क्या होगा?

    हाइड्रोग्राफिक सर्वे खत्म होने के बाद सवाल उठता है कि मालदीव के ताजा रुख से हिंद महासागर में भारत के हितों पर असर क्या असर पड़ेगा.

आर्थिक तौर पर मालदीव की अहमियत

    दरअसल, आर्थिक और सामरिक लिहाज से भारत के लिए मालदीव की अहमियत बहुत ज्यादा है.

व्यापार का 50 फीसदी हिस्सा इसी क्षेत्र में

    हिंद महासागर में भारत को प्राचीन काल से लाभ मिलता रहा है. भारत के व्यापार का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में केंद्रित है.

चीन भी बढ़ा रहा अपना दखल

    मालदीव का ये वही क्षेत्र है, जिसमें चीन भी अपना दखल बढ़ाना चाहता है और भारत निश्चित तौर पर उसका बड़ा प्रतिस्पर्द्धी है.

चीन के लिए सकारात्मक संभावनाएं

    जानकार मान रहे हैं कि मालदीव में जो राजनीतिक परिवर्तन हुआ है, वो चीन के लिए काफी सकारात्मक संभावनाएं लेकर आया है.

चीन के करीबी हैं मोहम्मद मुइज्जू!

    मोहम्मद मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं. उन्हें चीन का करीबी माना जाता है.

सुरक्षा को मुद्दा बनाया

    मोहम्मद मुइज्जू ने चुनाव प्रचार के दौरान झूठा प्रचार किया था कि मालदीव में भारत की मौजूदगी से मालदीव की सुरक्षा को खतरा है.

राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताया

    हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट को खत्म करने के पीछे मालदीव की नई सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बड़ी वजह बताया है.

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