भारत के शहर बने गैस चैंबर, एक साल में 15 लाख लोगों की प्रदूषण ने ली जान
Princy Sharma
2024/12/13 10:49:01 IST
भारत में प्रदूषण
हाल ही में Lancet Planet Health में एक स्टडी पब्लिश हुई थी जिसमें भारत में वायु प्रदूषण के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बताया था.
Credit: PinterestWHO
भारत में कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां प्रदूषण के स्तर WHO द्वारा निर्धारित मानक (5 µg/m³) से नीचे हों. PM2.5 के हाई लेवल के कारण भारत में हर साल 1.5 मिलियन (15 लाख) मौतें होती हैं.
Credit: PinterestNAAQS
81.9% भारतीय ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां NAAQS (राष्ट्रीय मानक) के 40 µg/m³ से भी ज्यादा प्रदूषण है. यह WHO के 5 µg/m³ के मानक (Standard) से बहुत अधिक है.
Credit: Pinterestहेल्थ पर बुरा असर
PM 2.5 प्रदूषण respiratory system पर बुरा असर डालता है. साथ ही दिल के दौरे, स्ट्रोक, blood pressure में वृद्धि और बच्चों में डेवलपमेंट को लेकर समस्या पैदा होती है.
Credit: Pinterestप्रदूषण और मौतों का संबंध
हर 10 µg/m³ PM2.5 की वृद्धि से किसी भी कारण से मृत्यु का जोखिम 8.6% बढ़ जाता है.-
Credit: Pinterestप्रदूषण कैसे करें कंट्रोल?
स्टडी के अनुसार, हमें प्रदूषण के ,सोर्स (जैसे Construction, वाहन प्रदूषण, फसल जलाना) की पहचान कर उन्हें कंट्रोल करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है.
Credit: Pinterestकैसे होगी मृत्यु दर कम?
अगर हम PM 2.5 के स्तर को NAAQS के अनुसार लाने में सफल होते हैं, तो यह मृत्यु दर को कुछ हद तक कम करेगा, लेकिन यह WHO के मानकों के मुकाबले कम प्रभावी होगा.
Credit: Pinterestमृत्यु दर के आंकड़े
इस स्टडी में पाया गया कि 25% यानी 1.5 मिलियन मौतें उच्च प्रदूषण के कारण हो सकती हैं.
Credit: Pinterestकैसे लिया डाटा?
रिसर्चर ने civil registration system और पृथ्वी आधारित डेटा का उपयोग करके प्रदूषण स्तरों के बारे में पता करा. स्टडी में प्रदूषण का आकलन 2009 से 2019 तक के डेटा पर आधारित था.
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