अभी मार्च का महीना पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ है और पारा चढ़ने लगा है. कई राज्यों का तापमान 40 के पार पहुंच गया है. ऐसे में जल्द ही हीटवेव का अलर्ट जारी हो सकता है.
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हीटवेव क्या है?
यह किसी स्थान पर असामान्य रूप से हाई तापमान की अवधि है. हीटवेव जारी करने की सीमा वर्ष के उस समय में उस क्षेत्र में सामान्य रूप से देखे जाने वाले तापमान पर निर्भर करती है.
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हीटवेव की घोषणा कैसे की जाती है?
आईएमडी के अनुसार किसी स्थान का अधिकतम तापमान को देख कर ही हीटवेव का ऐलान किया जाता है.
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गंभीर हीटवेव के लिए मानदंड
गंभीर हीटवेव के लिए जब वास्तविक अधिकतम तापमान 47°C या उससे अधिक होना जरुरी है.
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मैदानी इलाकों में हीटवेव के लिए मानदंड
मैदानी इलाकों में हीटवेव जारी करने के लिए कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान होना चाहिए.
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पहाड़ी क्षेत्रों में हीटवेव के लिए मानदंड
पहाड़ी क्षेत्रों में हीटवेव तब माना जात है जब कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान हो जाता है.
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तटीय क्षेत्रों में हीटवेव के लिए मानदंड
तटीय क्षेत्रों में, अगर अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस या अधिक है और वास्तविक अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस या अधिक है, तो हीटवेव माना जाता है.
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लू कब माना जाता है?
सामान्य तापमान से विचलन के आधार पर, जब विचलन 4.5 डिग्री सेल्सियस से 6.4 डिग्री सेल्सियस तक होता है, तो उसे लू कहा जाता है.
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भीषण लू
भीषण लू तथा जब विचलन 6.4 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है, तो उसे भीषण लू घोषित किया जाता है.