आजकल ज्यादातर जीवन बीमा पॉलिसियां आतंकवादी हमलों से हुई मौत को कवर करती हैं. यानी अगर कोई शख्स आतंकी हमले में मारा जाता है, तो उसका परिवार क्लेम कर सकता है.
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एक्स्ट्रा पैसे नहीं मिलेंगे
अगर पॉलिसी में एक्सीडेंटल डेथ का भी कवर है, तो आतंकवादी हमले में मौत को दुर्घटना नहीं माना जाएगा. सिर्फ मूल बीमा राशि ही मिलेगी, एक्स्ट्रा बोनस नहीं.
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पॉलिसी लेते वक्त जरूर पूछें
बीमा लेते समय कंपनी से साफ पूछें कि क्या उनकी पॉलिसी आतंकवादी हमलों को कवर करती है या नहीं. यह जानकारी डॉक्युमेंट में पढ़ना भी जरूरी है.
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'आतंकवाद बीमा पॉलिसी'
‘न्यू इंडिया एश्योरेंस’ और कुछ अन्य कंपनियां आतंकवादी घटनाओं के लिए खास बीमा पॉलिसी देती हैं, जो एक्स्ट्रा सुरक्षा देती हैं.
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घर और गाड़ी का भी बीमा जरूरी
केवल जीवन बीमा ही नहीं, आजकल मकान और गाड़ियों के लिए भी आतंकवाद कवर वाले इंश्योरेंस उपलब्ध हैं. हमले में नुकसान होने पर क्लेम मिल जाता है.
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हेल्थ इंश्योरेंस
अगर आतंकी हमले में कोई घायल हो जाता है तो इलाज का खर्च हेल्थ इंश्योरेंस से कवर हो सकता है. लेकिन पॉलिसी में इसका जिक्र हो.
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क्लेम के लिए डॉक्युमेंट
बीमा क्लेम करते वक्त जरूरी दस्तावेज जैसे पुलिस रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र और स्पताल/सरकारी रिकॉर्ड जिसमें आतंकवादी हमला लिखा हो की जरूरत होगी.
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क्लेम प्रक्रिया
सरकार के पास हमले में मरे लोगों की लिस्ट होती है, जिससे क्लेम प्रक्रिया जल्दी और आसान हो जाती है. कई बार बिना ज्यादा भागदौड़ के पैसा मिल जाता है.
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बीमा लेते वक्त ध्यान रखें
बीमा पॉलिसी लेते समय हर नियम और शर्त ध्यान से पढ़ें ताकि वक्त आने पर धोखा न हो. कवरेज, क्लेम प्रोसेस और अपवादों को ठीक से समझना जरूरी है.