अष्ट भैरव करते हैं दुनिया के इस शहर की रक्षा!
Babli Rautela
2025/02/16 12:52:38 IST
भैरव देवता
उत्तराखंड में भैरव देवता को सर्वप्रिय देवता के रूप में पूजा जाता है, जो पर्वतीय समाज में लौकिक देवता का स्थान रखते हैं.
Credit: Raneesh and Himanshu Shahपरम न्यायकारी देवता
भैरव के मंदिर निर्जन वनों से लेकर गांवों और कस्बों तक हर जगह मिलते हैं, जहां उन्हें परम न्यायकारी देवता के रूप में पूजा जाता है.
Credit: Raneesh and Himanshu Shahपीड़ितों का साथ दिया
लोककथाओं के अनुसार, भैरव ने सदैव पीड़ितों का साथ दिया और अन्याय के विरुद्ध खड़े होकर असहायों को न्याय दिलाया है.
Credit: Raneesh and Himanshu Shahअल्मोड़ा में रक्षक देवता
भारत के कई किलों में भैरव की स्थापना गढ़ के रक्षक के रूप में की गई थी, और अल्मोड़ा नगर में भी वे नगर रक्षक देवता माने जाते हैं
Credit: Raneesh and Himanshu Shahअल्मोड़ा के अष्ट भैरव
अल्मोड़ा के अष्ट भैरव में कालभैरव, बटुक भैरव, बाल भैरव, शै भैरव, गढ़ी भैरव, आनंद भैरव, गौर भैरव और खुटकुणी भैरव शामिल हैं.
Credit: Raneesh and Himanshu Shahराजा ज्ञानचंद ने की स्थापना
इतिहासकारों के अनुसार, अल्मोड़ा के आठ द्वारों की रक्षा करने के लिए चंद राजा ज्ञानचंद द्वारा इन भैरव मंदिरों की स्थापना करवाई गई थी.
Credit: Raneesh and Himanshu Shahअष्ट भैरव का स्थल
लक्ष्मेश्वर तिराहे के पास स्थित खुटकुणी भैरव का मंदिर ऐतिहासिक रूप से अष्ट भैरव का एक महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है.
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