भारत में 34 साल की एक स्टडी से पता चला है कि देश के कई हिस्सों में बारिश का पानी अब धीरे-धीरे अम्लीय (acidic) होता जा रहा है.
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घट रहा है बारिश का pH
भारत के प्रमुख शहरों जैसे विशाखापत्तनम, प्रयागराज और मोहनबारी में बारिश का पानी अधिक acidic हो रहा है. इसका मुख्य कारण हवा में प्रदूषण और इंडस्ट्रियल प्रदूषण है.
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pH लेवल
pH एक पैमाना है जो यह बताता है कि पानी acidic है या alkaline. जब pH 5.65 से कम हो जाता है, तो बारिश को एसिड रेन कहा जाता है.
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विशाखापत्तनम
विशाखापत्तनम का बारिश का पानी अब बहुत अधिक acidic हो रहा है, जो शहर के तेल रिफाइनरी, पावर प्लांट, और अन्य उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण के कारण है.
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प्रयागराज
प्रयागराज में बारिश का pH हर दशक में 0.4 से 0.74 तक घट रहा है. पुणे में भी पॉल्यूशन के कारण बारिश का पानी acidic हो रहा है, जिससे चिंता बढ़ रही है.
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नेचुरल मिनरल्स
कुछ जगहों पर, जैसे प्रयागराज और नागपुर, बारिश में नेचुरल मिनरल्स (जैसे कैल्शियम) की मात्रा घट रही है, जो आमतौर पर acidic तत्वों को न्यूट्रलाइज करते थे.
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नाइट्रेट का बढ़ना
सबसे बड़े कारणों में से एक है नाइट्रेट (NO₃⁻) का बढ़ना, जो वाहनों, फैक्ट्रियों, और फसल जलाने से निकलता है.
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आगे हो सकता है नुकसान
वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगर यही ट्रेंड जारी रहा, तो भविष्य में एसिड रेन से बहुत बड़े नुकसान हो सकते हैं, जैसे ऐतिहासिक धरोहरों का नुकसान और वाटर सोर्स में भारी धातुओं का घुलना.
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स्वास्थ्य पर खतरा
एसिड रेन से भूमि से खतरनाक धातुएं जैसे एल्यूमिनियम, क्रोमियम और आयरन निकल कर पानी में मिल सकती हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती हैं.