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दीमक बने नावों के ‘यमराज’, डकार गए 40 अरब डॉलर


Princy Sharma
Princy Sharma
2025/04/21 10:51:47 IST
नावों से फैल रहे दीमक

नावों से फैल रहे दीमक

    एक नई स्टडी में पता चला है कि दीमक केवल प्राकृतिक तरीके से नहीं फैलते, बल्कि इंसान भी अनजाने में उन्हें निजी नावों के जरिए एक जगह से दूसरी जगह फैला रहे हैं.

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तीन खतरनाक प्रजातियां

तीन खतरनाक प्रजातियां

    रिसर्च में बताया गया है कि फॉर्मोसन सबटेरेनियन दीमक, एशियाई सबटेरेनियन दीमक, और वेस्ट इंडियन ड्राईवुड दीमक नावों के जरिए दुनिया भर में फैल रही हैं.

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लकड़ी और इमारतों को नुकसान

लकड़ी और इमारतों को नुकसान

    ये दीमक घरों, इमारतों और पेड़ों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे घर मालिकों को बड़ा आर्थिक नुकसान होता है.

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इंसानों की गलती से फैलाव

इंसानों की गलती से फैलाव

    ये दीमक खुद से दुनिया नहीं घूमते, बल्कि मनुष्यों की गतिविधियों, खासकर नावों के जरिए एक देश से दूसरे देश पहुंच जाते हैं.

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हर साल अरबों का नुकसान  

हर साल अरबों का नुकसान  

    2010 से अब तक दीमक हर साल दुनियाभर में करीब 40 अरब डॉलर का नुकसान कर रहे हैं. अकेले फॉर्मोसन दीमक से ही 20-30 अरब डॉलर का नुकसान होता है.

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मनोरंजन की नावें जिम्मेदार

मनोरंजन की नावें जिम्मेदार

    रिसर्च में पाया गया कि घूमने-फिरने वाली नावें (जैसे यॉट) दीमकों के फैलने का सबसे बड़ा माध्यम बन रही हैं.

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शहरी इलाकों में भी फैलाव

शहरी इलाकों में भी फैलाव

    कुछ दीमक ऐसी प्रजातियां हैं जो अब शहरों के मौसम में भी जीवित रह सकती हैं, जिससे खतरा और बढ़ गया है. नावों में दीमक अक्सर छुपे रहते हैं और जब ये तट पर पहुंचते हैं, तो वहां उड़कर नई कॉलोनियां बना लेते हैं.

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समस्या का पता नहीं चलता 

समस्या का पता नहीं चलता 

    दीमक का संक्रमण सालों तक छिपा रहता है और जब तक पता चलता है, तब तक वो काफी नुकसान कर चुके होते हैं.

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नाव मालिकों को सतर्क रहने की सलाह  

नाव मालिकों को सतर्क रहने की सलाह  

    रिसर्च में नाव मालिकों, खासकर तटीय इलाकों में रहने वालों को सलाह दी गई है कि वे अपनी नावों की समय-समय पर जांच करें ताकि दीमकों को फैलने से रोका जा सके.

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