काल भैरव को चढ़ाई जाती है शराब, जानें परंपरा से जुड़ा रहस्य


India Daily Live
2024/11/22 07:14:38 IST

काल भैरव जयंती

    आज, 22 नवंबर 2024 को काल भैरव जयंती मनाया जा रहा है, क्या आपको पता है काल भरैव को शराब चढ़ाने की परंपरा है. चलिए जानते हैं इससे जुड़ा रहस्य.

Credit: Pinterest

शराब

    कहा जाता है कि काल भैरव को अज्ञान और अहंकार का संहारक हैं. वहीं, शराब को भी इन दोनों गुणों का प्रतीक माना गया है, क्योंकि यह व्यक्ति के मानसिक और आत्मिक दृष्टिकोण को धुंधला कर देता है.

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क्यों चढ़ाई जाती है शराब

    जब भक्त काल भैरव को शराब अर्पित करते हैं, तो वह यह संकेत देते हैं कि वे अपने अहंकार और अज्ञान को भगवान को समर्पित कर रहे हैं, ताकि उनकी आत्मिक उन्नति हो सके.

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तांत्रिक परंपरा

    काल भैरव की पूजा तंत्रशास्त्र से भी जुड़ी है, जिसमें शराब को पंचमकार (शरीर, भाषा, मन, भावना, और पदार्थ) का एक तत्व माना जाता है.

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शराब का उपयोग

    तंत्र में शराब का उपयोग शारीरिक और मानसिक बंधनों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है. यह आपको सांसारिक बंधनों से बाहर निकालने और आत्मिक उन्नति के लिए मदद करता है.

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संसारिक इच्छाओं से मुक्ति

    शराब का अर्पण यह दर्शाता है कि भक्त सांसारिक सुखों से परे, भगवान की आराधना में पूरी तरह से समर्पित हैं.

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आत्मिक शांति

    यह त्याग और संयम का प्रतीक है, जिससे भक्त अपने नकारात्मक गुणों को छोड़कर आत्मिक शांति की ओर बढ़ता है.

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आध्यात्मिक अभ्यास

    काल भैरव के प्रति श्रद्धा और भक्ति में, शराब का अर्पण एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अभ्यास है, जो भक्तों की शुद्धता और विश्वास को प्रकट करता है.

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डिस्क्लेमर

    यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.

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