Holi 2025: भौचर मां की पूजा से शुरू होती है किन्नरों की होली, फिर श्मशान में मचती है धूम


Ritu Sharma
2025/03/09 09:51:15 IST

किन्नरों की अनोखी होली परंपरा

    आमतौर पर लोग घरों में या सड़कों पर होली मनाते हैं, लेकिन किन्नर समाज इसे श्मशान में मनाता है.

Credit: Social Media

भौचर मां के चरणों में अर्पित होता है गुलाल

    किन्नर समाज पहले श्मशान जाकर अपनी इष्ट देवी भौचर मां के चरणों में गुलाल चढ़ाते हैं और फिर भगवान शिव की पूजा करते हैं.

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चिता की राख से खेलते हैं होली

    अबीर-गुलाल के साथ किन्नर समाज चिता की राख से भी होली खेलता है, इसे वे पवित्र मानते हैं.

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श्मशान को मानते हैं असली घर

    किन्नर समुदाय का मानना है कि हर इंसान का असली घर श्मशान ही है, इसलिए वे वहां होली खेलते हैं.

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नाच-गाने के साथ होती है खुशियों की होली

    श्मशान में होली खेलने के बाद किन्नर समाज अपने घरों में भी इसे धूमधाम से मनाता है, जहां नाच-गाना होता है.

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एक रात की अनोखी शादी

    किन्नर समाज में एक रात के लिए शादी की परंपरा होती है, जहां पुरोहित मंगलसूत्र पहनाकर विवाह संपन्न कराते हैं.

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विधवा की तरह करते हैं विलाप

    अगले दिन इरावन देव की मूर्ति को घुमाकर तोड़ा जाता है और किन्नर विधवा की तरह विलाप कर अपने आभूषण उतार देते हैं.

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