काशी में क्यों खेली जाती है चिता की राख से होली? महादेव से खास कनेक्शन


Princy Sharma
2025/03/08 09:05:48 IST

होली

    हिंदू धर्म में होली के पर्व का खास महत्व है. भारत के अलग-अलग इलाकों में कई तरीकों से होली मनाई जाती है.

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मसान की होली

    मथुरा की होली के साथ काशी की मसान होली भी बहुत फेमस है. काशी में फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी के अगले के दिन मसान की होली का त्योहार मनाया जाता है.

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चिता की राख की होली

    मसान की होली के दौरान लोग चिता की राख से होली खेलते हैं और महादेव की खास पूजा करते हैं. चलिए जानते हैं काशी में चिता की राख से होली क्यों खेली जाती है.

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मृत्यु पर विजय का प्रतीक

    चिता की राख से होली खेलने की परंपरा बहुत पुरानी है. यह होली भोलेनाथ को समर्पित की गई है. मसान की होली को मृत्यु पर विजय का प्रतीक माना जाता है.

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यमराज को हराया

    धार्मिक मान्यता के मुताबिक, भगवान शिव ने यमराज को हराने के बाद चिता की राख से होली खेली थी. तब से इस दिन को यादगार बनाने के लिए हर साल मसान की होली खेली जाती है.

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2 दिन मनाया जाता है त्योहार

    यह त्योहार 2 दिनों तक मनाया जाता है. पहले दिन लोग चिता की राख इकट्ठी करते हैं और दूसरे दिन होली खेलते हैं.

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काशी

    चिता की राख से होली खेलने का नजारा सिर्फ काशी में ही देखने को मिलेगा.

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जीत का जश्न

    इस दिन लोग नाचते-गाते और भोलेनाथ की जीत का जश्न मनाते हैं. इसके साथ लोग चिता की राख और गुलाल एक-दूसरे के गालों पर लगा कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.

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डिस्क्लेमर

    यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.

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