ईसाई धर्म में गुड फ्राइडे और ईस्टर का बहुत ही खास महत्व है. 18 अप्रैल को गुड फ्राइडे मनाया जाएगा और फिर 20 अप्रैल ईस्टर सेलिब्रेट किया जाएगा.
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बलिदान का दिन
यह दिन जीसस क्राइस्ट की सूली पर चढ़ाए जाने की याद में मनाया जाता है. इसे शोक और आत्मचिंतन का दिन माना जाता है.
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गुड क्यों कहा जाता है?
'Good’ का मतलब यहां अच्छा नहीं, बल्कि पवित्र और बलिदान से है. जब जीसस क्राइस्ट ने मानवता के पापों के लिए खुद को बलिदान किया.
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ईस्टर संडे
जीसस क्राइस्ट की मृत्यु के तीन दिन बाद वे पुनर्जीवित हुए. इसी को Easter Sunday के रूप में मनाया जाता है. यह दिन आशा, जीवन का प्रतीक है.
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2025 में खास बात
इस साल Gregorian और Julian दोनों कैलेंडर के हिसाब से Easter एक ही दिन 20 अप्रैल को मनाया जाएगा. यह बहुत कम होता है.
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गुड फ्राईडे की परंपराएं
लोग काले कपड़े पहनते हैं, चर्च में जाकर ‘Three Hours’ Agony’ (12 से 3 बजे तक) मनाते हैं और शांति से प्रार्थना करते हैं.
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मीठी ब्रेड
क्रॉस को चूमा जाता है, मीठी ब्रेड बांटी जाती है और घरों को सादगी से सजाया जाता है या सजावट हटा दी जाती है.
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कब्रों की सफाई
इसके साथ कब्रिस्तानों में जाकर प्रियजनों की कब्रों को साफ किया जाता है, जो सम्मान का प्रतीक है.
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ईस्टर संडे का उत्सव
चर्च में गान, बाइबल पाठ, खुशियां और पारिवारिक भोजन होता है. बच्चे अंडे की खोज (Egg Hunt) में हिस्सा लेते हैं.
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पश्चिम और पूर्व की परंपराएं
पश्चिमी ईसाई (कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट) ग्रेगोरियन कैलेंडर और पूर्वी ईसाई (ऑर्थोडॉक्स) जूलियन कैलेंडर को मानते हैं. इसी कारण उनकी तारीखें अलग होती हैं, लेकिन 2025 में सब एक साथ मनाएंगे.
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डिस्क्लेमर
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.