Holi 2025: होली पर गाए जाते हैं 'फाग' गीत, जानें इन रंगीन गीतों की खासियत
Ritu Sharma
2025/03/05 14:09:43 IST
क्या हैं फाग गीत?
होली पर उत्तर भारत में गाए जाने वाले पारंपरिक गीतों को 'फाग' कहा जाता है. इन गीतों की शुरुआत अक्सर 'जोगीरा सररर...' से होती है और इसके बाद रंगों, प्रेम और उल्लास से जुड़ी पंक्तियां गाई जाती हैं.
Credit: SOCIAL MEDIAकहां गाए जाते हैं फाग गीत?
फाग गीतों की धुनें विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश में सुनाई देती हैं. ब्रज में राधा-कृष्ण की प्रेम कथा पर आधारित फाग गीत बेहद लोकप्रिय हैं.
Credit: Social Mediaकिनका वर्णन होता है फाग में?
फाग गीतों में भगवान राम, कृष्ण, राधा, शिव-पार्वती के अलावा गांव, खेत-खलिहान, पशु-पक्षी और सामाजिक घटनाओं का भी जिक्र मिलता है.
Credit: Social Mediaहोली के विभिन्न रंग और धुनें
भारत के अलग-अलग राज्यों में होली अलग-अलग अंदाज में मनाई जाती है-
ब्रज की लठमार होली
बुंदेलखंड की फाग होली
राजस्थान की शाही होली
महाराष्ट्र की रंग पंचमी
बंगाल की दोल जात्रा
उत्तराखंड की कुमाऊनी होली
प्रत्येक क्षेत्र में होली के गीत स्थानीय भाषा और लोकसंस्कृति के अनुरूप होते हैं.
Credit: Social Mediaफाग के प्रसिद्ध गीत और उनके बोल
वृंदावन का फाग: "आज बिरज में होली रे रसिया..."
मसान की होली: "खेले मसाने में होरी, दिगंबर खेले मसाने में होरी..."
मिथिला होली: "राम खेले होली..."
बुंदेलखंडी फाग: "फाल्गुन के महीना रसीले घर नहीं आए छैला छबीले..."
Credit: Social Mediaफाग गीतों में होता है उल्लास और भक्ति का संगम
फाग गीतों में भंग, चंग, रंग और तरंग का अद्भुत संगम होता है. होली की धूम और लोकगीतों की गूंज के बिना यह त्योहार अधूरा माना जाता है.
Credit: Social Mediaहोली में फाग गीतों की परंपरा क्यों जरूरी?
यह लोकसंस्कृति और परंपराओं को जीवंत बनाए रखते हैं.
पीढ़ियों से चली आ रही संगीत परंपरा को बढ़ावा देते हैं.
भक्ति और प्रेम से जुड़ी भावनाओं को दर्शाते हैं.
सामाजिक समरसता और उल्लास को बढ़ाते हैं.
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