चैत्र नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. इस त्योहार में कलश स्थापना का खास महत्व है.
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कलश स्थापना
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, कलश स्थापना से जुड़े कुछ खास नियम हैं. सही दिशा में कलश स्थापना करने से घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.
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ईशान कोण
अगर आप नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना कर रहे हैं तो ईशान कोण में कर सकते हैं. यह दिशा बेहद शुभ मानी जाती है.
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उत्तर दिशा
उत्तर दिशा में भी कलश स्थापना करना बहुत शुभ होता है. उत्तर दिशा आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है.
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यहां न करें कलश स्थापना
नवरात्रि के दौरान दक्षिण दिशा में कलश स्थापना न करें क्योंकि यह दिशा अशुभ होती है.
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धातु का चुनाव
स्थापना के लिए कलश हमेशा तांबे या पीतल का होना चाहिए. पीतल बेहद शुभ होता है और तांबा पवित्र माना जाता है. ये दो धातु पूजा के प्रभाव को बढ़ावा देते हैं.
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प्लास्टिक या लोहे के पात्र
कभी भी प्लास्टिक या लोहे के पात्र का इस्तेमाल कलश स्थापना के लिए नहीं करना चाहिए. क्योंकि प्लास्टिक या लोहा शुद्धता का प्रतीक नहीं माना जाता है.
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डिस्क्लेमर
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.