दुनिया का ऐसा जहाज जिसकी आवाज ने ही मचाई थी दहशत, उड़ाने वालों के भी हलक में रहती थी जान
XF-84H Thunderscreech: 1950 के दशक में, शीत युद्ध के दौरान, अमेरिकी वायु सेना एक ऐसा विमान विकसित करने के लिए प्रयासरत थी जो तेज, शक्तिशाली और दुश्मनों के लिए भयभीत करने वाला हो. इसी उद्देश्य से XF-84H "थंडरस्क्रीच" नामक एक प्रायोगिक विमान का निर्माण किया गया.
XF-84H Thunderscreech: क्या आपने कभी सोचा है कि क्या कोई ऐसा जेट हो सकता है जिसकी आवाज इतनी तेज हो कि वो आपके कानों को चीर दे? जी हाँ, ऐसा एक विमान था, जिसे XF-84H "थंडरस्क्रीच" नाम दिया गया था. यह अमेरिकी वायु सेना द्वारा 1955 में विकसित किया गया था. इस विमान की आवाज इतनी तेज थी कि यह आसपास के पेड़ों की पत्तियों को हिला देती थी.
एक बार, जब यह उड़ान भर रहा था, तो इसने पास के एक खेत में काम कर रहे किसानों को डरा दिया, जिन्होंने सोचा कि कोई भूकंप आ गया है. इस विमान को केवल 12 बार उड़ाया गया था, और प्रत्येक उड़ान 30 मिनट से अधिक नहीं थी. विमान का इंजन इतना शक्तिशाली था कि यह 5,800 हॉर्सपावर उत्पन्न कर सकता था.
40 किलोमीटर दूर से ही सुनाई देती थी आवाज
यह विमान इतना शक्तिशाली था कि यह 40 किलोमीटर दूर से भी सुना जा सकता था. इसकी तुलना में, आज के सबसे शोरगुल वाले जेट विमान, जैसे कि बोइंग 747, केवल 10 किलोमीटर की दूरी से सुने जा सकते हैं.
इस शोर का कारण था इसका टर्बोप्रॉप इंजन, जिसमें तीन स्टील ब्लेड थे जो 12 फीट लंबे थे और सुपरसोनिक गति से घूमते थे. इन ब्लेडों की युक्तियाँ ध्वनि की गति से भी तेज गति से चलती थीं, जिससे लगातार ध्वनि बूम पैदा होती थी.
यह आवाज इतनी तेज थी कि यह जमीन पर खड़े लोगों को कंपा देती थी. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब विमान को चालू किया जाता था, तो जमीन हिलने लगती थी और आसपास के पेड़ों की पत्तियां झड़ने लगती थीं.
चालक दल पर इसका प्रभाव
इस विमान की आवाज इतनी भयानक थी कि यह चालक दल को भी प्रभावित करती थी. एक बार, जब इसे कैलिफोर्निया के एडवर्ड्स एयर फ़ोर्स बेस पर लाया गया, तो चालक दल का प्रमुख इसकी आवाज सुनकर बेहोश हो गया.
अन्य चालक दल के सदस्यों ने बताया कि विमान को चलाना एक भयानक अनुभव था. वे कानों में दर्द महसूस करते थे और उनके सिर में चक्कर आते थे.
"थंडरस्क्रीच" नाम कैसे पड़ा?
इस विमान को इसकी भयानक आवाज के कारण "थंडरस्क्रीच" नाम दिया गया था. यह नाम सटीक था, क्योंकि विमान की आवाज वास्तव में एक गरज की तरह लगती थी.
नियंत्रण टॉवर को भी खतरा
इस विमान से निकलने वाली ध्वनि तरंगें इतनी शक्तिशाली थीं कि चालक दल को डर था कि यह नियंत्रण टॉवर की खिड़कियों को तोड़ सकती हैं. जब यह उड़ान भरता था तो ट्रैफिक नियंत्रक अपने रेडियो बंद कर देते थे और खुद को कंबल से ढक लेते थे.
अन्य विमानों पर प्रभाव
इस विमान की आवाज इतनी तेज थी कि यह अन्य विमानों को भी प्रभावित करती थी. एक बार, जब एक F-86 Sabre लड़ाकू विमान XF-84H के पास उड़ रहा था, तो उसके पायलट को अपने कानों में तेज दर्द महसूस हुआ और वह नियंत्रण खो बैठे.
अंत में नष्ट करना पड़ा विमान
इस विमान को इसकी भयानक आवाज और तकनीकी खामियों के कारण अंततः नष्ट कर दिया गया. XF-84H "थंडरस्क्रीच" इतिहास की सबसे शोरगुल मचाने वाली मशीनों में से एक थी. इसकी शक्ति और गति अविश्वसनीय थी, लेकिन इसकी आवाज इतनी भयानक थी कि इसे उड़ाना असंभव बना देती थी. "थंडरस्क्रीच" अमेरिकी इतिहास का एकमात्र ऐसा विमान था जिसे इसकी आवाज के कारण नष्ट कर दिया गया था.