Court Hearing Viral Video: एक शादीशुदा महिला तलाक के बाद अपने पति से 40 लाख रुपये की एलिमनी की मांग करने वाला मामला अब चर्चा का विषय बन गया है. इस केस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें कोर्ट महिला के वकील को फटकार लगाते हुए कह रहे हैं कि यह कोई वसूली का मामला नहीं है और वे इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों से समझौता करने की सलाह दे रहे हैं.
बता दें की उत्तर प्रदेश की एक महिला की शादी BHEL में बतौर इंजीनियर काम कर रहे एक शख्स से 15 साल पहले हुई थी. लेकिन यह शादी महज कुछ ही दिनों तक चली और महिला अपने पति के साथ सिर्फ 7 दिन और 1 महीने ही सुसराल में रही, इसके बाद वह वापस अपने मायके चली गई.
शादी टूटने के बाद महिला ने अपने पति के खिलाफ कई मामले दर्ज किए और एलिमनी के रूप में 40 लाख रुपये की मांग की. महिला का कहना था कि उसे शादी के दौरान बहुत कष्ट झेलने पड़े हैं, इसलिए वह यह बड़ी रकम का अधिकार रखती है.
शुरुआत में, लड़का पक्ष ने 15 लाख रुपये देकर मामले को सेटल करने की पेशकश की, लेकिन महिला ने इसे सहमत नहीं किया और 40 लाख से कम में समझौता करने से इनकार कर दिया. इसके बाद, लड़का पक्ष ने 30 लाख रुपये की पेशकश की, लेकिन महिला ने इस पर भी अड़ कर दिया और 40 लाख की मांग जारी रखी.
7 दिन साथ में रहे. महिला ने 40 लाख रुपए Maintenance मांग लिए, सुनकर जज भी हुए Shocked pic.twitter.com/IXeLU5WoXa
— Brij Dwivedi (@Brij17g) December 18, 2024
जब मामला कोर्ट पहुंचा, तो जज ने मामले की सुनवाई के दौरान महिला पक्ष के वकील को कड़ी फटकार लगाई. जज ने कहा, 'जब लड़का पक्ष 30 लाख देने को तैयार है, तो यह जिद क्यों है कि 40 लाख ही चाहिए? कानून को वसूली का जरिया नहीं बनाया जा सकता. कोई वसूली का मामला नहीं है. अगर आप इसपर सहमत नहीं होते, तो हम इसे Irretrievable breakdown of marriage (जो एक ऐसा मामला होता है जिसमें शादी के टूटने को मान लिया जाता है और फिर सुलह की कोई संभावना नहीं रहती) में डाल देंगे.'
इस पर दोनों पक्षों ने मामले को सेटल करने के लिए राजी हो गए और क़ानूनी लड़ाई को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाए.
'Irritrievable breakdown of marriage' एक कानूनी स्थिति है, जब कोर्ट यह मान लेता है कि शादी बच नहीं सकती है और दोनों के बीच सुलह संभव नहीं है. ऐसे मामलों में अदालत सुलह के सभी प्रयासों को असफल मानते हुए तलाक को अंतिम रूप दे देती है. यह स्थिति तब आती है जब दोनों पक्षों के बीच संकल्प या सुधार की कोई संभावना नहीं रहती.
इस कोर्ट की सुनवाई के दौरान की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें जज ने दोनों पक्षों को समझाते हुए कहा, 'यह कोई वसूली का मामला नहीं है, बस आप लोग समझौता कर लें.' यह क्लिप तेजी से वायरल हो रही है और लोग इस पर अपना रिएक्शन दे रहे हैं.