साइबेरिया के इर्कुत्स्क प्रांत के अलेकसेव्स्क गांव की रहने वाली गलीना इवानोवा ने अपने जीवन का सबसे खतरनाक समय 11 दिनों तक जंगल में अकेले बिताया, लेकिन इस पूरी घटना के बावजूद वह अपने आप को सही सलामत बचाने में सफल रही. गलीना के इस स्ट्रगल के पीछे एक बहुत ही हैरान करने वाला कारण था, जिसे उन्होंने ईश्वर का संदेश मानते हुए जिंदा रहने की प्रेरणा दी.
गलीना इस सप्ताह अस्पताल से डिस्चार्ज हुईं, और उन्होंने अपनी इस खौ़फनाक घटना के बारे में बात की. उनका कहना है कि उनके साहस का एक बड़ा कारण उस रहस्यमयी कुत्ते का था, जिसे उन्होंने जंगल में देखा. गलीना के मुताबिक, यह कुत्ता देवता का संदेशवाहक था, जो उनके पास आया और फिर अचानक गायब हो गया, लेकिन उसी पल ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि वह जीवित रहेंगी.
गलीना एक अनुभवी वनकर्मी हैं और जंगल के बारे में उन्हें अच्छी जानकारी थी. हालांकि, एक रात वह जंगल में सामान इकट्ठा करने गईं, लेकिन किसी कारणवश वह रास्ता भटक गईं और खुद को कैंप से काफी दूर पा लिया. गलीना की नजर कमजोर थी और जंगल में भटकते हुए उनका डर और बढ़ गया, खासकर यह सोचकर कि जंगल में भालू जैसे जंगली जानवर भी हो सकते हैं.
जंगल में एक ओर चिंता का कारण था बर्फ से ढकी हुई जमीन और बर्फीली हवाएं, जो उसे और भी कठिन बना रही थीं. गलीना की उम्मीदें काफी कम हो गई थीं, लेकिन तभी उसे वह रहस्यमयी कुत्ता दिखाई दिया, जो उनके लिए एक 'ईश्वर का संदेश' जैसा प्रतीत हुआ.