Child Photos: सोशल मीडिया की दुनिया तेजी से बदल रही है. लोग अपनी लाइफ में चल रही हर चीज का अपडेट सोशल मीडिया पर देते हैं. यहां तक की अपने बच्चों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक 75 फीसदी पेरेंट्स अपने बच्चों की तस्वीरें शेयर करते हैं. ऐसा कंटेंट यूजर्स द्वारा काफी पसंद किया जाता है. लेकिन क्या बच्चों के फोटो या वीडियो को ऑनलाइन शेयर करना सेफ है? जो तस्वीरें आपके लिए मेमोरी है वो साइबर दुनिया के लिए एक डेटा है.
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस हर दिन विकाश कर रहा है. एक तस्वीर या वीडियो से कई तरह के कंटेंट बनाए जा सकते हैं. ऐसे में बच्चों से जुड़ा गलत कंटेंट पोस्ट करना इंटरनेट की दुनिया में खतरनाक साबित हो सकता है. अपने बच्चों की फोटो या वीडियो शेयर करते समय पेरेंट्स को सावधान रहने की जरूरत है. सोशल मीडिया पर उनके फोटो पोस्ट करने से उनके फ्यूचर पर भी गलत प्रभाव पड़ सकता है.
एआई में कई ऐसे टूल्स आ गए हैं जो आपके बच्चों की तस्वीर का इस्तेमाल गलत कामों के लिए कर सकते हैं. उसे वयस्क बनाकर पेश किया जा सकता है. उनकी आवाज को फ्रॉड के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. इंटरनेट पर कुछ भी पोस्ट करने के बाद उसे हटाना बेहद मुश्किल काम है. ऑनलाइन शेयर की गई चीजों का लोग स्क्रीनशॉट ले लेते हैं.
आपके बच्चे की ऑनलाइन किडनैपिंग भी हो सकती है. यह सच में किडनैप करने जैसा तो नहीं है, बस इसमें बच्चे के फोटो और वीडियो को दूसरे नाम और पहचान के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है. कई बार ऐसा भी होता है, जब कुछ लोग ऑनलाइन दूसरे के बच्चों को अपना बच्चा बताने का दावा करते हैं.
बच्चों की तस्वीर को चुराकर साइबर बुलिंग किया जा सकता है. फोटो या वीडियो देखकर बच्चों को चिढ़ाया जाता है. ऑनलाइन भद्दे कमेंट्स किए जाते हैं. इसका असर बच्चों पर काफी बुरा होता है.
सोशल मीडिया पर शेयर तस्वीरों का अश्लील कंटेंट के लिए भी उपयोग होता है. ये पीडोफाइल यानी चाइल्ड पोर्नोग्राफी से ग्रस्त होते हैं. ऐसे लोग बच्चों के फोटो और वीडियो को एडिट करके आपत्तिजनक वेबसाइट या फोरम पर पोस्ट कर देते हैं. अपने बच्चों की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से पहले कई बार सोचें. सावधानी जरुरी है, अपने बच्चों के भविष्य का आपके हाथों में हैं. इसलिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए हमेशा अलर्ट रहें.