पति ने फ्रेंच फ्राइज खाने से रोका तो पत्नी ने कर दी FIR, पुलिस ने जारी किया लुकआउट नोटिस, अब कोर्ट की हुई एंट्री
Wife File Complaint for Stopping to Eat French Fries: बेंगलुरु से एक अजीब-गरीब मामला सामने आया है जहां पर एक पत्नी ने अपने पति के खिलाफ इस वजह से पुलिस में शिकायत कर दी क्योंकि उसने उसे फ्रेंच फ्राइज खाने से रोका. इतना ही नहीं पुलिस ने भी पति के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया जिसके चलते अब पूरे मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट की एंट्री हुई है.
Wife File Complaint for Stopping to Eat French Fries: कर्नाटक हाई कोर्ट ने पिछले सप्ताह एक बेंगलुरु महिला की याचिका पर रोक लगा दी थी, जिसने अपने अमेरिका में रहने वाले पति पर कथित तौर पर फ्रेंच फ्राइज खाने से रोकने के लिए क्रूरता का आरोप लगाया था. अदालत ने पुलिस द्वारा जारी किए गए लुक आउट नोटिस (LOC) पर भी रोक लगा दी.
कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर लगाई रोक
इसके अलावा, न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 36 वर्षीय आरोपी पति के खिलाफ कोई जांच करने से पुलिस को रोकने का आदेश पारित किया.
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A (घरेलू क्रूरता) और 504 (आपराधिक धमकी) और दहेज निषेध अधिनियम के तहत पुरुष के खिलाफ मामला दर्ज किया था. शिकायत के बाद आरोपी के खिलाफ एक LOC जारी किया गया था, जिससे उसका अमेरिका लौटना रुक गया था.
पत्नी ने फ्रेंच फ्राइज खाने से रोकने का बताया क्रूरता
29 वर्षीय महिला ने पहले बसवनागुड़ी में साउथ वुमन पुलिस स्टेशन से संपर्क किया था, जिसमें अपने पति पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया था. अदालत में अपनी याचिका में महिला ने कहा कि बच्चा पैदा करने के बाद उनका ब्लडप्रेशर हाई हो गया था और उनके पति ने उन्हें फ्रेंच फ्राइज, चावल और मांस खाने से मना किया था, क्योंकि उन्हें डर था कि उनका वजन बढ़ जाएगा.
प्रेग्नेंसी के दौरान पति करता था सारे काम
अदालत में अपने जवाब में पति ने दावा किया कि उनके रहने के दौरान अमेरिका में उन्होंने सारा घर का काम किया और याचिकाकर्ता केवल टेलीविजन देखती थी और फोन पर बात करती थी. पुरुष ने कहा कि उसे रोजाना बर्तन धोना, घर पोछना और फिर काम पर जाना पड़ता था.
तर्कों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने कहा, "पति के खिलाफ कोई भी जांच करने की अनुमति देना ... कानून की प्रक्रिया का अपमान होगा और पत्नी के इस कृत्य पर प्रीमियम लगाना कि उसे फ्रेंच फ्राइज खाने की अनुमति नहीं थी."
शक्ति का दुरुपयोग कर रही है पुलिस
न्यायाधीश ने ऐसे 'तुच्छ मामलों' में LOC जारी करने के लिए पुलिस को आश्चर्य भी व्यक्त किया और पत्नी के इशारे पर पुलिस की शक्तियों का दुरुपयोग करने की बात कही.
न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने आगे कहा, "शिकायत में आईपीसी की धारा 498A के तहत दंडनीय अपराध का कोई भी हिस्सा पति के खिलाफ भी नहीं दर्शाता है.यह पुलिस द्वारा शक्ति का उपयोग नहीं है, बल्कि शिकायतकर्ता (महिला) के इशारे पर शक्ति का दुरुपयोग है. LOC जारी करने के नाम की कोई अपराध नहीं है. शिकायतकर्ता का एकमात्र उद्देश्य याचिकाकर्ता (पति) को वापस अमेरिका यात्रा करने से रोकना प्रतीत होता है.”