स्वीडन और अफ्रीका में Solar Storm का कहर, जानें क्या बला है सौर तूफान?
Rare Solar Storm Hits Earth: 10 मई को धरती पर तेज सौर तूफान आया है. इससे स्वीडन में ब्लैकआउट और साउथ अफ्रीका में पॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाय है. वहीं आने वाले दिनों में पावर ग्रिड और संचार खतारा भी पैदा हो सकता है.
Solar Storm: शुक्रवार, 10 मई को धरती पर तेज सौर तूफान आया है और इसका असर इस वीकेंड और आने वाले हफ्ते में भी देखने को मिलने वाला है. नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर के मुताबिक पिछले दो दशकों में सबसे शक्तिशाली भू-चुंबकीय तूफान ने न सिर्फ स्वीडन में ब्लैकआउट और साउथ अफ्रीका में पॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर को भी नुकसान पहुंचाया है. इसके अलावा आने वाले दिनों में पावर ग्रिड और संचार खतारा भी पैदा किया है. बता दें, इससे तस्मानिया से लेकर ब्रिटेन तक के स्थानों पर गहरा प्रभाव पड़ा है.
NOAA के अनुसार, तूफान अमेरिका के सुदूर दक्षिण में अलबामा और उत्तरी कैलिफोर्निया तक उत्तरी रोशनी पैदा कर सकता है. लेकिन इसकी भविष्यवाणी करना कठिन था और विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि यह आमतौर पर नॉर्थन लाइट्स नहीं होंगे, बल्कि हरे रंग के छींटों की तरह होंगे.
इन सेवाओं में आ सकती हैं बाधा
NOAA के स्पेस वैदर फॉरकास्टर शॉन डाहल ने कहा, ""हम इसकी उम्मीद नहीं कर रहे हैं लेकिन यह कभा भी करीब आ सकता है. डाहल ने कहा कि यह तूफान 1 से 5 के पैमाने पर 4 वें स्थान पर है जो बिजली ग्रिडों के लिए उच्च-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों के लिए खतरा है, न कि आम तौर पर लोगों के घरों में पाई जाने वाली विद्युत लाइनों के लिए. इससे सैटेलाइट भी प्रभावित हो सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी पर नेविगेशन और संचार सेवाएं बाधित हो सकती हैं.
स्टीनबर्ग ने कहा, "NOAA के अनुसार, तूफान खत्म होने पर भी, GPS उपग्रहों और ग्राउंड रिसीवर्स के बीच सिग्नल खराब हो सकते हैं या खो सकते हैं. लेकिन इतने सारे नेविगेशन उपग्रह हैं कि कोई भी रुकावट लंबे समय तक नहीं रहनी चाहिए.
NOAA ने दी जानकारी
सूरज ने बुधवार से तेज सौर ज्वालाएं पैदा की हैं, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम सात बार प्लाज्मा का विस्फोट हुआ है. कोरोनल मास इजेक्शन के रूप में जाने जाने वाले प्रत्येक विस्फोट में सूर्य के बाहरी वातावरण या कोरोना से अरबों टन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र शामिल हो सकते हैं. एनओएए के अनुसार, ज्वालाएँ एक ऐसे सूर्य-धब्बे से जुड़ी हुई प्रतीत होती हैं जो पृथ्वी के व्यास का 16 गुना है। यह सब सौर गतिविधि का हिस्सा है जो सूर्य के 11 साल के चक्र के चरम पर पहुंचने के साथ-साथ तेज हो रही है.
अंतरिक्ष यात्रियों को कोई खतरा नहीं
नासा ने कहा कि तूफान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सवार सात अंतरिक्ष यात्रियों को कोई गंभीर खतरा नहीं है. स्टीनबर्ग के अनुसार, सबसे बड़ी चिंता विकिरण के स्तर में वृद्धि है, और यदि आवश्यक हो तो चालक दल स्टेशन के बेहतर संरक्षित हिस्से में जा सकता है. बढ़े हुए विकिरण से नासा के कुछ विज्ञान उपग्रहों को भी खतरा हो सकता है. अंतरिक्ष एजेंसी के हेलियोफिजिक्स विज्ञान प्रभाग के निदेशक एंटी पुल्किनेन ने कहा, क्षति से बचने के लिए यदि आवश्यक हो तो अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों को बंद कर दिया जाएगा. कई सूर्य-केंद्रित अंतरिक्ष यान सभी गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं.