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India Daily

Viral Video: गजब का जुगाड़! EV की बैटरी से तली कचौरी, सोशल मीडिया पर वीडियो ने मचाई धूम

राजस्थान से ईवी से कचौड़ी तलने का वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है. यह घटना यह दिखाती है कि कैसे तकनीकी प्रगति, जैसे V2L फीचर, आम जनता के लिए न केवल उपयोगी, बल्कि मनोरंजक भी बन सकती है.

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Edited By: Babli Rautela
Viral Video
Courtesy: Social Media

Viral Video: राजस्थान में एक व्यक्ति ने भारतीय नवाचार का एक अनोखा उदाहरण पेश करते हुए अपने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की बैटरी का इस्तेमाल कचौड़ी तलने के लिए किया. इस अद्भुत घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और लोग इसे देखकर हैरान हैं. वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया गया, जिसमें व्यक्ति को एक इंडक्शन कुकर पर कचौड़ी तलते हुए दिखाया गया है. यह कुकर उसकी इलेक्ट्रिक कार की बैटरी से पावर ले रहा था. वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया था, 'ईवी वाहन होने का लाभ'

हालांकि, यह साफ नहीं हो पाया है कि यह घटना राजस्थान के किस इलाके की है, लेकिन इस नवाचार ने देशभर में लोगों का ध्यान खींचा.

ईवी और व्हीकल-टू-लोड (V2L) तकनीक

वीडियो में दिखाई गई इलेक्ट्रिक कार में व्हीकल-टू-लोड (V2L) चार्जिंग की सुविधा है. यह तकनीक इलेक्ट्रिक वाहन को बंद अवस्था में भी दूसरे गैजेट्स को पावर देने की अनुमति देती है. यह फीचर ईवी को बहुउपयोगी बनाता है, खासकर ऐसी परिस्थितियों में. 

जैसे ही वीडियो शेयर की गई ये देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. वीडियो पर अपना रिएक्शन साझा करने के लिए कई यूजर्स कमेंट सेक्शन में कूद पड़े. एक ने कमेंट करते हुए लिखा, 'यह एक नवाचार है. भारत में आपका स्वागत है!' दूसरे ने लिखा, 'राजस्थानी और उनकी कचौड़ी के प्रति जुनून.' तीसरे ने लिखा, 'जुगाड़? नहीं, लेकिन अगर कोई इसे दोहराएगा और कार में आग लग जाएगी, तो क्या होगा?' एक और ने अपना रिएक्शन साझा करते हुए लिखते, 'कल्पना कीजिए कि आप पिकनिक पर जा रहे हैं और कार में चार्ज खत्म हो गया!'

ईवी की बढ़ती प्रवृत्ति

एक हालिया TCS फ्यूचर-रेडी ईमोबिलिटी स्टडी 2025 के अनुसार, भारत समेत दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है. 64% उपभोक्ता अपने अगले वाहन के रूप में ईवी को चुनने की योजना बना रहे हैं. हालांकि, 60% लोगों ने चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को एक बड़ी चुनौती माना. रिसर्च में यह भी पाया गया कि 56% उपभोक्ता ईवी के लिए 40,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹35 लाख) तक खर्च करने को तैयार हैं.

रिसर्च में भाग लेने वाले 90% निर्माताओं का मानना है कि बैटरी प्रौद्योगिकी में सुधार के कारण ईवी की रेंज और चार्जिंग गति में वृद्धि होगी. यह न केवल उपभोक्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाएगा, बल्कि ईवी डिजाइन और प्रदर्शन को भी क्रांतिकारी बनाएगा.