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शादी-ब्याह रचा चुकी हैं? भूल जाइए, इस स्कूल में नहीं मिलेगी एंट्री, क्योंकि माहौल बिगाड़ेंगी आप!

उत्तराखंड के एक स्कूल में ऐसा बेतुका फरमान सुनाया है, जिसने सुनकर आप भी वहां के प्रशासन पर सवाल खड़े कर देंगे. अल्मोड़ा में एक कॉलेज में एक स्टूडेंट को सिर्फ इसलिए कॉलेज में एंट्री नहीं मिली क्योंकि वह शादीशुदा थी. देश में ऐसा कोई कानून नहीं है लेकिन इस कॉलेज में ऐसा हो गया है. विवाहित छात्रा, अब मदद की गुहार लगाने मुख्य शिक्षा अधिकारी के पास पहुंची है.

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: Social Media

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के एक कॉलेज में शादी शुदा लड़कियों के प्रवेश की इजाजत नहीं है, क्योंकि वे इंटर कॉलेज का माहौल बिगाड़ देंगी. 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक शादीशुदा लड़की को सिर्फ शादीशुदा होने की वजह से एंट्री नहीं मिली. इस कॉलेज की परंपरा है कि यहां शादीशुदा लड़कियों को एंट्री नहीं मिलेगी. स्कूल प्रशासन का कहना है कि किसी शादीशुदा महिला को क्लासरूम में बैठाने से स्कूल का माहौल खराब होगा, ऐसे में छात्रा को प्राइवेट पढ़ाई करनी चाहिए.

नियाजगंज की रहने वाली नियाज, अल्मोड़ा के आनंद सिंह सरकारी कन्या इंटर कॉलेज में पढ़ती हैं. वे 8वीं कक्षा से यहीं पढ़ रही है. जैसे हीवे अपनी शादी से 28 जुलाई को लौटीं, उन्हें स्कूल में बैठने ही नहीं दिया गया. उनका परिवार बार-बार गुहार लगाता रहा लेकिन कॉलेज प्रशासन ने एक नहीं सुनी. 

'शादीशुदा छात्रा बिगाड़ देगी माहौल'

स्कूल की प्रधानाचार्य विजया पंत ने कहा, 'ऐसा पहली बार हो रहा है, जब कोई शादीशुदा लड़की क्लासरूम में पढ़ना चाहती है. स्कूल शादीशुदा बच्चियों को एडमिशन नहीं देता है, इसका असर दूसरों पर भी पड़ता है. वे माहौल बिगाड़ सकती हैं. हालांकि उसके अनुरोध पर हमने कहा है कि अगर बड़े अधिकारी कहते हैं तो उसे पढ़ने की इजाजत दी जा सकती है.'

सरकारी स्कूल में ये कैसे हो गया?

छात्रा ने अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा है कि यह तो सरकार की बेटी बचाओ और बेटी पहनाओ अभियान के खिलाफ है. स्कूल पढ़ने नहीं दे रहा है. ऐसा कोई नियम नहीं है, जिसके चलते विवाहित छात्राओं को पढ़ने न दिया जाए.