फुस्स हुई UP पुलिस की एडवाइजरी! नए साल से पहले शहर में मचा हुडंदंग, वीडियो में देखें मारपीट की लाइव वारदात

गाजियाबाद में नए साल के मौके पर हुए बवाल और पुलिस के दावों के बीच बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है. हालांकि पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने का दावा किया था, लेकिन यह घटना उनके तैयारियों पर सवाल खड़ा करती है.

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Ghaziabad News: नए साल के मौके पर गाजियाबाद पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने का दावा किया था, लेकिन राजनगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर में एक घटना ने उनकी तैयारियों की पोल खोल दी. यहां रेस्टोरेंट के बाहर हुए बवाल में न केवल मारपीट हुई, बल्कि एक गाड़ी को भी तोड़ दिया गया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें दो पक्षों के बीच झगड़ा होते हुए नजर आ रहे हैं.

पुलिस की शांति व्यवस्था पर सवाल

पुलिस ने दावा किया था कि नए वर्ष पर हुड़दंग नहीं होने देंगे और इस बार किसी को भी सड़क पर अव्यवस्था फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. गाजियाबाद में 26 जगहों पर पुलिस चेकिंग का आयोजन भी किया गया था, लेकिन सवाल उठ रहा है कि क्या यह चेकिंग केवल चालान के लिए थी, या फिर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए? चेकिंग के बावजूद राजनगर में इस तरह का हंगामा हो रहा है, जिससे पुलिस की तैयारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. 

मारपीट और तोड़ी गई गाड़ी

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि रेस्टोरेंट के बाहर कुछ लोग आपस में भिड़ गए और तेजी से माहौल बिगड़ गया. इसी दौरान एक गाड़ी भी तोड़ी गई, जिसके बाद आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

गाजियाबाद पुलिस ने इस बार नव साल के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई स्थानों पर चेकिंग अभियान चलाया था. पुलिस का दावा था कि यह चेकिंग केवल चालान के लिए नहीं, बल्कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से की जा रही थी. लेकिन इस तरह की घटनाएं यह साबित करती हैं कि पुलिस की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं.

पुलिस की जवाबदेही पर सवाल

जहां एक तरफ पुलिस ने नए साल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की बात की थी, वहीं दूसरी तरफ राजनगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर में हुई घटना ने उनकी तैयारियों की पोल खोल दी. इस घटना के बाद अब पुलिस की जवाबदेही पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या चेकिंग और सुरक्षा की सिर्फ एक औपचारिकता पूरी की जा रही थी, या फिर वास्तव में शांति व्यवस्था को लेकर कुछ ठोस कदम उठाए गए थे.