'ये रेसिंग क्लब है टाइगर रिजर्व?', रणथंबौर में थार, स्कॉर्पियो, SUVs की लगी रेस, 10 गाड़ियां सीज
राजस्थान के प्रतिबंधित टाइगर जोन में महिंद्रा की गाड़ियों की ऐसी एडवेंचर रेस आयोजित की गई कि वन विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ गई. मजबूरन उन्हें काफिले को ट्रेस करना पड़ा और 10 की 10 गाड़ियों को सीज करना पड़ा. एडवेंचर के अधिकारियों के खिलाफ अब वन विभाग कार्रवाई करने की तैयारी में है. आइए जानते हैं क्या है पूरा केस.
राजस्थान का रणथंबौर टाइगर रिजर्व. देशभर के वन्य जीव प्रेमी, यहां बाघ देखने आते हैं. वन विभाग ने इसे अति संवेदनशील इलाका घोषित किया गया है, यहां बाघों की संख्या में तेजी से बढ़ी है. इसी इलाके के एक बेहद प्रतिबंधित जोन में 10 से 14 की संख्या में महिंद्रा की गाड़ियों की एक रेस लगी है. जोन-8 जैसे संवेदनशील इलाके में ऑफ रोडिंग का आयोजकों को ऐसा शौक लगा कि अब कानूनी एक्शन होगा. सवाई माधोपुर के वन विभाग अधिकारियों ने इन गाड़ियों को जब्त कर लिया है.
महिंद्रा की ये गाड़ियां, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्तान से ही हैं. ऐसे आयोजन को रोकने में फेल होने की वजह से वन विभाग ने दो रेंजर अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. यह रेस भी स्वतंत्रता दिवस के दिन आयोजित की गई थी. 15 अगस्त को महिंद्रा थार, स्करॉर्पियो और SUV वन्य जीव अभ्यारण्य के सबसे संवेदनशील इलाके में घुस आए थे. एडवेंचर टूर नाम के एक टू ऑर्गेनाइजर की हिमाकत पर अब वन विभाग भड़क गया है.
एडवेंचर नहीं, ये जंगली जानवरों के प्रति अत्याचार है
एडवेंचर के नाम पर यह वन्य जीवन के साथ ज्यादती है. प्राइवेट गाड़ियों की ऐसी एंट्री, जोन-8 में प्रतिबंधित है. सोशल मीडिया पर अधिकारियों के एक्शन का वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि ऐसी गाड़ियों की एंट्री क्यों दी गई, वह भी सबसे संवेदनशील इलाके में. अगर यह वन विभाग की सहमति से नहीं हुआ तो कैसे इतनी बड़ी संख्या में गाड़ियां पहुंची.
यह जंगल में अवैध घुसपैठ
डिविजनल वन अधिकारी रमानांद भक्कर ने कहा, 'यह अवैध घुसैठ का मामला है. हमने गाड़ियों को सीज कर लिया है. हम इस केस की जांच करा रहे हैं.'
मानसून में बंद रहता है जोन-8 फिर कैसे हुई गाड़ियों की एंट्री?
मानसून के दौरान जंगल सफारी बंद होती है. ऐसे में प्रावइवेट गाड़ियों की एंट्री पर हुई लापरवाही चौंका रही है. वीडियो को एक स्थानीय शख्स ने रिकॉर्ड किया है. बड़ी गाड़ियों की इस एंट्री पर कई अधिकारियों के नपने के चांस हैं.
कानून क्या कहता है?
वाइल्ड लाफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 ऐसे मामलों में बेहद सख्त है. संवेदनशील जोन में इस तरह से रैली आोयजित करने पर इन गाड़ी मालिकों पर 1 लाख से ज्यादा रुपये का जुर्माना ठोका जा सकता है. इस केस में तो गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारे हैं. जब टाइगर रिजर्व बंद था तो इन्हें एंट्री कैसे मिली. सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी क्लिप वायरल हो रही है.