Pakistani girl rapper Urooj Fatima sindhi chhokri Pahanji gang: पाकिस्तान के सिंध इलाके की एक लड़की इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा में बनी हुई है. दरअसल, ये लड़की रैप के जरिए महिलाओं, लड़कियों और बच्चों से जुड़े सामाजिक मुद्दों को उठा रही है. इन मुद्दों में सेक्सुअल हिंसा, हॉनर किलिंग, उत्पीड़न, बाल मजदूरी शामिल हैं. लड़की को सिंधी छोकरी के नाम से भी जाना जाता है.
लड़की का नाम उरूज फातिमा है, जो मीरपुरखास जिले में अपने परिवार के साथ रहती है. उरूज ग्रामीण सिंध की पहली महिला रैप गायिका है. इसके अलावा, उरूज पिता के साथ खेत पर भी काम करती है, गांव की गरीब लड़कियों को पढ़ाती है और लड़कियों के शिक्षा अधिकारों का समर्थन करने के लिए रेगिस्तान के दूरदराज के हिस्सों में बाइक से पहुंचती है.
उरूज शुरुआत में रिजर्व नेचर की थी. वो अपने घर, करीबी रिश्तेदारों और क्लासमेट्स के साथ बातचीत करने में भी झिझकती थी. हालांकि, उरूज के अंदर सामाजिक भावनाएं थीं. समाज के लिए कुछ करने का जज्बा भी था. उरूज की लाइफ में उस वक्त बदलाव आया, जब उसने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एंट्री की. उन्होंने 'पहनजी गैंग' बनाया. दरअसल, पहनजी गैंग के जरिए उरूज फातिमा और उनके भाई मोहम्मद कापड़ी सिंगिंग करते हैं. दोनों सोशल मीडिया पर 'सिंधी छोकरी' और 'टॉक्सिक सूफी' के नाम से जाने जाते हैं.
भाई बहन की जोड़ी रैप के जरिए अलग-अलग मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाते हैं. उनका मानना है कि लोगों तक पहुंचने का ये एक प्रभावी तरीका है. उरूज फातिमा बताती हैं कि जब उन्होंने पहली बार रैप किया, तो उन्हें मजा नहीं आया. हालांकि, एमिवे बंटाई को सुनने के बाद, उन्हें एहसास हुआ कि जीवन की चुनौतियों, अनुभवों और सपनों को व्यक्त करने के लिए म्यूजिक का यूज किया जा सकता है. रैप के जरिए फातिमा और उनके पहानजी गैंग ने ग्रामीण सिंध में ज्वलंत मुद्दों, जैसे ऑनर किलिंग, बाल श्रम, भ्रष्टाचार, पिछड़ापन, महिलाओं और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार के बारे में महत्वपूर्ण संदेश देना शुरू कर दिया है.
उरूज बताती हैं कि मैंने लड़कियों की शिक्षा की दयनीय स्थिति देखी. कई स्कूलों में महिला शिक्षकों और बुनियादी स्कूल सुविधाओं का अभाव था. गांवों में माता-पिता अपनी बेटियों को लड़कों के स्कूलों में भेजने से झिझकते थे, क्योंकि वहां छात्राओं के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था नहीं होती थी. उन्होंने बताया कि बदलाव लाने के लिए मैं अपनी छोटी बहन खानज़ादी कापड़ी के साथ दूरदराज के इलाकों में लड़कियों के शिक्षा के अधिकार को बढ़ावा देने के लिए यात्रा पर निकल पड़ी.
उरूज फातिमा के पिता असगर अली कापरी खुले विचारों वाले हैं. उरूज और उनकी बहन जब घर से बाहर निकल रही थी, तो उन्हें इसके लिए रिश्तेदारों के विरोध का सामना करना पड़ा. रिश्तेदारों का मानना था कि लड़कियों को घर पर ही रहना चाहिए, स्कूल नहीं जाना चाहिए, घर से बाहर निकलकर काम नहीं करना चाहिए. उधर, गांव के लोगों ने भी उरूज के पिता को अपनी बेटियों को स्कूल जाने और बाइक चलाने से रोकने की चेतावनी दी. गांव के लोगों ने कहा कि अगर उनकी बेटियां ये सब बंद नहीं करेंगी तो उनके परिवार को गांव छोड़ना होगा. गांववालों के इस अल्टीमेटम के बाद असगर अली ने परिवार समेत गांव छोड़ दिया और अपने खेत में घर बनाकर रहने लगे.
उरूज बताती हैं कि खेत में घर बनाने के बाद काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. कठिनाईयों, परेशानियों और सामाजिक दबाव का सामना करने के बावजूद मैंने अपनी छोटी बहन के साथ जरूरतमंदों की आवाज उठानी जारी रखी. इस दौरान एक वक्त ऐसा आया जब परिवार आर्थिक कठिनाइयों से गुज़रा, लेकिन हम लोगों ने कभी हार नहीं मानी. वो कहती हैं कि मेरी छोटी बहन खानज़ादी कापड़ी ने मेरा काफी साथ दिया. उसने महिला अधिकार कार्यकर्ता के रूप में काम किया और सभी कठिनाइयों के दौरान मेरे साथ खड़ी रही.
उरूज फातिमा का सुझाव है कि सिंध में रैप संगीत को बढ़ावा देना अत्यधिक प्रभावी हो सकता है. उन्होंने कहा कि रैप के जरिए आप अपनी चिंताओं को सभी के सामने रख सकते हैं, इसके जरिए आप अपनी बातों को आसानी से रख सकते हैं. बता दें कि उरूज फातिमा ने अपनी 'पहानजी गैंग' के जरिए युवाओं के बीच खासी लोकप्रियता हासिल की है. उनके तीन सबसे प्रसिद्ध रैप 'स्ट्रीट टॉक', 'अवाम' और 'इंकलाब' ने सोशल मीडिया पर वायरल है.