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20 साल से हर महीने आ रही सैलरी, कोई काम भी नहीं... फिर भी महिला ने कंपनी पर क्यों ठोंका मुकदमा?

Salary Without Work: एक महिला पिछले 20 सालों से ऑफिस जा रही है, लेकिन कोई काम नहीं करती थी, फिर भी उसे सैलरी मिलती थी. इसके बावजूद महिला ने अपनी ही कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया. महिला का आरोप है कि उसका उत्पीड़न हो रहा था और उसके साथ भेदभाव किया जा रहा था, इसलिए वो अब ये कदम उठाने को मजबूर है.

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Edited By: India Daily Live
orange telecom company
Courtesy: Social Media

एक महिला का दावा है कि पिछले 20 साल से उसने अपनी कंपनी के लिए कोई काम नहीं किया है, फिर भी उसके बैंक अकाउंट में हर महीने सैलरी आ रही है. कई लोग ऐसे होंगे, जिनके साथ ऐसा होगा, तो वो खुश होंगे, लेकिन महिला ने अपनी ही कंपनी के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है. महिला का कहना है कि ये सब उसके बर्दाश्त के बाहर है. 

मामला फ्रांस का है. द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑरेंज मोबाइल की पूर्व कर्मचारी लारेंस वान वासेनहोव ने अपनी कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया है. लॉरेंस का कहना है कि ये सब इसलिए किया जा रहा है, ताकि मैं परेशान होकर जॉब छोड़ दूं. उन्होंने कहा कि मैं ऑफिस आती हूं, लेकिन मुझे कोई काम नहीं दिया जाता. लॉरेंस दो बच्चों की मां है, जिनमें से एक ऑटिस्टिक है.

लॉरेंस के मुताबिक, वो ऑरेंज (जिसे पहले फ्रांस-टेलीकॉम के नाम से जाना जाता था) में सिविल सर्वेंट के रूप में कार्यरत थीं, ऑडिटी सेंट्रल नाम की वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, लॉरेंस जन्म से हेमिप्लेजिक नाम की बीमारी से पीड़ित थीं. इस बीमारी में पीड़ित के चेहरे और शरीर के कुछ अंग मामूली रूप से पैरालाइज्ड हो जाते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, मेडिकल कंडिशन के आधार पर लॉरेंस को सेक्रेटरी का पोस्ट ऑफर किया गया था. उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया. कुछ महीनों बाद लॉरेंस का दूसरे इलाके में ट्रांफसर भी कर दिया गया, लेकिन वहां वो एडजस्ट नहीं हो पाईं. 

काम कराने के बजाए पिछले 20 साल से दे रहे सैलरी

लॉरेंस के मुताबिक, कंपनी ने उसकी मेडिकल रिपोर्ट तैयार कराई, जिसमें कहा गया कि जिस पोस्ट पर उसे पहले तैनात किया गया था, वो उसके हेल्थ के लिहाज से उपयुक्त नहीं था. इसके बाद कंपनी ने लॉरेंस को पहले स्टैंडबाय पर रखा, फिर बीमार बताकर छुट्टी पर भेज दिया. बाद में बीमारी का हवाला देकर कंपनी ने उन्हें रिटायर्मेंट की पेशकश की. लेकिन जब लॉरेंस ने इस पेशकश को ठुकरा दिया, तब कंपनी ने उन्हें अपने साथ बनाए रखा औऱ पिछले 20 साल से बिना काम के सैलरी दे रही है.

अब लॉरेंस ने अपनी कंपनी पर क्यों दर्ज कराया केस?

लॉरेंस का कहना है कि पिछले 20 साल से कंपनी का जो रवैया है, उससे आजीज आकर उन्होंने ये कदम उठाया है. उनके वकील का दावा है कि इस तरह कंपनी उन्हें नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रही थी. वकील ने कहा कि वो उससे काम करवाने के बजाय उसे सैलरी देना पसंद करते हैं. लॉरेंस ने कंपनी और उसके चार मैनेजरों के खिलाफ उसकी स्वास्थ्य स्थिति से जुड़े कार्यस्थल पर नैतिक उत्पीड़न और भेदभाव को लेकर शिकायत दर्ज कराई है.

वकील ने कहा कि विकलांग व्यक्ति के लिए काम करने का मतलब होता है समाज में जगह पाना, पहचान पाना और सोशल बॉन्ड बनाना, लेकिन इस मामले में लॉरेंस को 20 साल तक ‘तंग करके’ ये सब करने से वंचित रखा गया, इस उम्मीद में कि वह परेशान होकर नौकरी छोड़ देंगी, पर ऐसा हुआ नहीं बल्कि लॉरेंस ने उल्टा कंपनी के खिलाफ ही केस कर दिया.