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Motivational Speaker Controversy: 'मंत्रों के जाप से हम उड़ भी सकते हैं', स्कूल में 'मोटिवेशनल स्पीकर' के बयान पर बवाल

Motivational Speaker Controversy: चेन्नई के स्कूल में छात्रों को मोटिवेट करने के लिए बुलाए गए स्पीकर के भाषण पर बवाल हो गया. मोटिवेशनल स्पीकर को अपने भाषण के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने स्कूल में बच्चों के सामने मोटिवेशनल के बजाए स्प्रिचुअल बातें कहीं, जिसके लिए उन्हें कुछ लोगों ने निशाने पर ले लिया.

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: pinterest

Motivational Speaker Controversy: तमिलनाडु के चेन्नई में दो सरकारी स्कूलों में 'पुनर्जन्म और कर्म' पर बयान देने वाले एक मोटिवेशनल स्पीकर को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. उन्होंने बच्चों की कठिनाइयों के लिए उन्हें ही दोषी ठहराया. मोटिवेशनल और स्प्रिचुअल स्पीकर महाविष्णु को शिक्षक दिवस (5 सितंबर) के मौके पर सरकारी स्कूलों में भाषण देने के लिए बुलाया गया था. 

दरअसल, विवाद तब शुरू हुआ जब महाविष्णु ने मोटिवेशनल की जगह धार्मिक टिप्पणी कर दी. इस दौरान एक दिव्यांग टीचर के साथ महाविष्णु की तीखी बहस भी हुई, जिसने उनके बयानों को चुनौती दी. DYFI और SFI के सदस्यों ने सैदापेट और अशोक नगर के सरकारी स्कूलों में आध्यात्मिक जागृति कक्षाओं की अनुमति देने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग पर सवाल उठाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने परमपोरुल फाउंडेशन नाम के एक गैर सरकारी संगठन के स्पीकर के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की.

आखिर मोटिवेशनल स्पीकर महाविष्णु ने क्या कहा?

अपने भाषण में महाविष्णु ने गुरुकुलों को व्यवस्थित रूप से नष्ट करने के लिए अंग्रेजों को दोषी ठहराया और दावा किया कि कुछ मंत्रों के जाप से अग्नि की वर्षा हो सकती है, बीमारियों का इलाज हो सकता है और यहां तक ​​कि उड़ भी सकते हैं. वायरल हुए एक वीडियो में महाविष्णु ने कथित तौर पर कहा कि ये सभी हमारे पूर्वजों द्वारा धर्मग्रंथों के रूप में लिखे गए थे, लेकिन अंग्रेजों ने उन्हें मिटा दिया.

उन्होंने कहा था कि अगर भगवान दयालु होते, तो सभी को समान जन्म लेना चाहिए था. कोई अमीर या गरीब, अपराधी या नायक पैदा होता है, ऐसे अंतर क्यों? आपको ये जीवन आपके पिछले जन्म में किए गए कार्यों के आधार पर दिया गया है. इस पर एक शिक्षक ने आपत्ति जताई और वीडियो में कहा कि उन्हें स्कूल परिसर में आध्यात्मिक प्रवचन के लिए नहीं बल्कि एक प्रेरित करने वाले भाषण के लिए बुलाया गया था. इसके बाद टीचर औऱ महाविष्णु के बीच बहस हो गई. महाविष्णु ने टीचर पर अहंकारी होने का आरोप लगाया. उधऱ, राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी ने सरकारी स्कूल में दिए गए विवादास्पद भाषण के लिए वक्ता के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया. 

तमिलनाडु के सीएम स्टालिन और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

चल रहे विवाद के बीच, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शिक्षा को बढ़ावा देने और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. स्टालिन ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि विज्ञान प्रगति का मार्ग है.

स्टालिन ने ये भी घोषणा की कि उन्होंने तमिलनाडु में विभिन्न स्कूल कार्यक्रमों को विनियमित करने के लिए नए दिशा-निर्देश बनाने और लागू करने का आदेश दिया है. इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी छात्र, जो भविष्य की पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं, प्रगतिशील वैज्ञानिक विचारों और जीवन शैली से परिचित हों.

करूर से कांग्रेस सांसद जोथिमनी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह सरकार के वैचारिक प्रयासों को कमजोर करता है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि सरकार को उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने उन्हें वैज्ञानिक सोच के खिलाफ बोलने के लिए आमंत्रित किया और अनुमति दी, जो हमारी शिक्षा प्रणाली का मूल आधार है, और सही सवाल पूछने वाले शिक्षक को अपमानित किया.

कार्ति पी चिदंबरम बोले- एक ढोंगी को देखना दुखद है

कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम ने भी कहा कि तमिलनाडु के एक सरकारी स्कूल में एक ढोंगी को अस्पष्ट भाषा बेचते देखना दुखद है. इस बीच, स्कूल शिक्षा विभाग के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि महाविष्णु को आमंत्रित करने वाले दो स्कूलों के प्रधानाचार्यों का तबादला कर दिया गया है और विभागीय जांच चल रही है.

पूरे घटनाक्रम को लेकर भाजपा ने क्या कहा?

तमिलनाडु भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष नारायणन थिरुपथी ने सवाल उठाया कि स्कूल प्रिंसिपल का तबादला क्यों किया गया, जबकि उन्होंने स्पष्ट किया था कि व्याख्यान का उद्देश्य छात्रों को प्रेरित करना था और इसमें कोई धार्मिक टिप्पणी शामिल नहीं थी. थिरुपथी ने प्रिंसिपल के खिलाफ मंत्री की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि यह सोशल मीडिया पोस्ट पर आधारित था और न केवल हास्यास्पद बल्कि निंदनीय भी था.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ये जाने बिना कि आध्यात्मिकता विज्ञान है, तमिलनाडु सरकार उन विरोधी ताकतों का समर्थन कर रही है जो तर्कसंगतता के नाम पर हिंदू विरोधी विचारों का बीज बो रहे हैं. उन्होंने सरकार से प्रिंसिपल के खिलाफ स्थानांतरण आदेश को रद्द करने का आग्रह किया. एक अलग पोस्ट में नारायणन ने सवाल किया कि क्या भारतीय संविधान सरकारी स्कूलों में आध्यात्मिकता पर चर्चा करने पर रोक लगाता है?