दुनिया के सबसे खतरनाक त्योहार, मनाया जाता है लोगों की मौत का जश्न, जानकर कांप जाएगी आपकी रूह
Dangerous festival of the world: दुनिया में अजीबो गरीब तरह के त्योहार मनाए जाते है. कई जगहों पर लोगों की मौत को बड़े धूम-धाम से सेलीब्रेट किया जाता है.
नई दिल्ली. Dangerous festival of the world: इस पृथ्वी पर जो आया है उसका जाना निश्चित है. इस दुनिया से एक दिन सबको अलविदा कहना पड़ता है. जिसका जन्म हुआ, उसकी मृत्यु निश्चित है. भारत में जब भी किसी की मौत होती है तो मातम मनाया जाता है. लेकिन दुनिया में ऐसी कई जगहों पर लोग मातम नहीं मनाते बल्की त्योहार की तरह सेलीब्रेट करते हैं.
आपको सुनकर थोड़ा अटपटा तो जरूर लगा होगा कि आखिर किसी की मौत पर मातम की जगह सेलीब्रेशन क्यों किया जाता है. लेकिन चौंकिए नहीं ये सच है. चलिए आपको एक-एक करके आपको उन स्थानों के बारे में बताते हैं जहां मरे हुए लोगों की आत्मा की शांति के लिए तरह-तरह के त्योहार मनाए जाते हैं.
मनाया जाता है The Hungry Ghost Festival
चीन, मलेशिया और सिंगापुर अधिकतर क्षेत्रों में बौद्ध और ताओवादी जुलाई या अगस्त के 15वें दिन अपने पूर्वजों को खुश करने के लिए द हंग्री घोस्ट फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है. इस दौरान अलग-अलग तरह के अनुष्टान किए जाते हैं. उत्सव मनाने के बाद जब लोग भोजन करने बैठते हैं तो कुछ सीटें भूतों के लिए भी छोड़ दी जाती है और उन्हें खाना परसा जाता है.
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सैमन नामक त्योहार
आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को सैमन नामक त्योहार मनाया जाता है. इसमें लोग आने वाली आत्माओं को खुश करने के लिए तरह-तरह की चीजें करते हैं. भूतों के साथ लोग बढ़ी धूम-धाम से इस त्योहार को मनाते हैं.
Pchum Ben नामक त्योहार
कम्बोडिया में Pchum Ben नामक त्योहार मनाया जाता है. यह करीब 15 दिन तक चलता है. इस दौरान यहां सार्वजनिक छुट्टियां भी रहती हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार सितंबर और अक्टूबर के महीने में नरक का दरवाजा खुलता है. इस दौरान लोग अपने पूर्वजों को प्रायश्चित करने में मदद करते हैं. कुछ लोग विधि-विधान से पूजा पाठ करके मिठाई, फल और भी कई तरह के पकवान बनाते हैं और भूतों के साथ बैठकर खाते हैं.
गाय जात्रा नामक त्योहार
नेपाल में गाय जात्रा नाम त्योहार मनाया जाता है. इस त्योहार में गुजर चुके पूर्वजों के सम्मान में गायों की वेशभूषा में जुलूस निकाला जाता है. स्थानीय लोग मानते हैं कि इस दिन स्वर्ग का गेट खुलता है. ऐसे में अपने पूर्वजों की आत्मा के शांति के लिए लोग प्रार्थना करते हैं.
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