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ताश के पत्तों की तरह ढह गया चंडीगढ़ का बहुप्रतिष्ठित 'महफ़िल होटल', 64 साल से था सेक्टर-17 की शान, देखें वीडियो

चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में स्थित प्रतिष्ठित महफ़िल होटल सोमवार की सुबह अचानक ढह गया. घटना में किसी के किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

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Edited By: Garima Singh
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Courtesy: x

Mehfil Hotel of Chandigarh collapses: चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में स्थित प्रतिष्ठित महफ़िल होटल सोमवार की सुबह अचानक ढह गया. पिछले हफ़्ते इसके भार वहन करने वाले खंभों में दरारें पाई गई थी जिसके बाद से चंडीगढ़ प्रशासन ने इमारत को खाली करवा लिया था और इलाके की घेराबंदी पहले ही कर दी थी. घटना में किसी के किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

बता दें मरम्मत के दौरान तीन भार वहन करने वाले खंभों में दरारें पाई गई थी. मरम्मतके दौरान पाया गया था की लोहे के सरिया मुड़े हुए थे, जो गंभीर दुर्घटना का संकेत दे रहे थे. चंडीगढ़ प्रशासन और यूटी पुलिस की एक संयुक्त टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए साइट का निरीक्षण किया। उसके बाद परिसर को खाली कराया. इस दौरान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इमारत की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी. 

एक सप्ताह पहले ही इलाके की घेराबंदी हो गई थी शुरू 

यूटी एसएसपी कंवरदीप कौर ने कहा, 'हमने एक सप्ताह पहले ही इलाके की घेराबंदी करने सहित सभी आवश्यक सावधानियां बरतनी शुरू कर दी थी.' उन्होंने त्वरित कार्रवाई की सराहना की, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया. इमारत ढहने के बाद अधिकारियों ने संभावित नुकसान के लिए आस-पास की इमारतों की संरचनात्मक अखंडता का आकलन करना शुरू कर दिया है. डिप्टी कमिश्नर कार्यालय द्वारा घटना और उसके प्रभाव पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है. 

64 साल से था सेक्टर 17 की शान 

निजी स्वामित्व वाला 'महफ़िल होटल' शहर के व्यावसायिक केंद्र में एक प्रमुख संरचना थी, लेकिन यह काफी पुरानी हो चुकी थी. इस घटना ने चंडीगढ़ में पुरानी इमारतों के रखरखाव और सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी है. यह हादसा मोहाली के सोहाना इलाके में दो हफ़्ते पहले हुई इसी तरह की त्रासदी के बाद हुआ है, जहां तीन मंज़िला इमारत ढहने से दो लोगों की जान चली गई थी. लगातार हो रही घटनाओं ने क्षेत्र में पुरानी संरचनाओं के लिए सख्त निरीक्षण और समय पर हस्तक्षेप की मांग को बढ़ा दिया है. अधिकारियों से भविष्य में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भवन नियमों को और अधिक सख्ती से लागू करके सार्वजनिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आग्रह किया जा रहा है.