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एक किताब की कीमत 11 करोड़, आखिर इसमें ऐसा क्या लिखा है भाई?

11 Crore Book: दुनियाभर के लोग एक किताब की कीमत सुनकर हैरान है. एक शख्स ने सैकड़ों साल पुरानी इस किताब के लिए 11 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं और उसे लाने के लिए प्राइवेट जेट का इस्तेमाल किया है.

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: सोशल मीडिया

सोशल मीडिया के जमाने में आज भी बहुत से लोग हैं, जो अपना समय सोशल मीडिया पर न बर्बाद करके वही समय किताबों को पढ़ने में लगाते हैं. ऐसे में वे जहां भी जाते हैं, वहां कोई किताब पसंद आ जाए तो तुरंत ही उसे खरीद भी लेते हैं. भले ही उसकी कीमत ज्यादा ही क्यों न हो. क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ किताबें ऐसी भी हैं, जिनकी कीमत लाखों-करोड़ों में है? जी बिल्कुल, आजकल ऐसी ही एक किताब और उसका खरीदार चर्चा में हैं. इस किताब की कीमत हजार या लाख नहीं बल्कि करोड़ रुपये में चली गई.

यह किताब लगभग 100 वर्ष पुरानी है. इसे नेपोलियन नें 1925 में लिखा था. जिसका नाम 'द लॉ ऑफ सक्सेस' है. अमेरिका के इडाहो के रहने वाले रसेल ब्रनसन ने इस किताब का पहला एडिशन खरीदा है. इस किताब की खास बात ये है कि इसपर नेपोलियन का सिग्नेचर था. मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, रसेल बताते हैं कि जब उन्होंने इस किताब को ऑनलाइन बिकते देखा तो उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने इसे खरीदने का मन बना लिया. इसके बाद उन्हे काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. तब जाकर उन्हें यह किताब मिल पाई है.

क्या थीं खरीदार की परेशानियां

जब उन्होंने यह किताब खरीदने की बात अपनी पत्नी से बताई तो उन्होंने सख्ती से इनकार कर दिया क्योंकि किताब की कीमत काफी ज्यादा थी. पहले इस किताब की कीमत 1.5 मिलियन थी जोकि 11 करोड़ से ज्यादा थी. ऐसे में इसे खरीदना इतना आसान नहीं था. रसेल बताते हैं कि करीब एक महीने तक उन्होंने इसके विक्रेता से मोल-तोल किया और तब जाकर कहीं बात बन पाई. हालांकि, रसेल बाद में अपनी पत्नी को भी मनाने में कामयाब रहे और आखिरकार किताब को खरीद ही लिया.

प्राइवेट जेट से क्यों लाए किताब?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेशे से बिजनेसमैन रसेल ने इस किताब समेत नेपोलियन हिल की लिखी और भी कई किताबों को खरीदा है और इसके लिए उन्होंने 18 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है. सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि वो इन किताबों को प्राइवेट प्लेन से लेकर घर आए थे, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि इतनी महंगी किताब को धूल-मिट्टी का सामना करना पड़े.