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India Daily

'PAK से अच्छी भारत में है लाइफ', पाकिस्तानी एक्टर और डिजाइनर दीपक पेरवानी का बयान वायरल

Pakistani designer Deepak Perwani: उन्होंने यह भी अफसोस जताया कि पश्चिमी देशों से आने वाले लोग वहां की कला और संस्कृति से प्रेरणा लेकर उसे खरीदते हैं, जबकि पाकिस्तान में इस प्रकार की पहलें कम होती हैं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Life in India is better than Pakistan says designer Deepak Perwani
Courtesy: Social Media

Pakistani designer Deepak Perwani:  पाकिस्तानी फैशन डिजाइनर और अभिनेता दीपक पेरवानी के हालिया बयान ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है. दीपक ने भारत और पाकिस्तान के जीवन की तुलना करते हुए कहा कि उनके पड़ोसी देश भारत में जीवन "बेहतर" है. उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.

एक इंटरव्यू के दौरान दीपक पेरवानी ने भारत और पाकिस्तान के जीवन में अंतर के बारे में अपनी राय व्यक्त की. यह बातचीत एम्मा हैडर के शो "समथिंग हॉट" पर हुई थी, जहां दीपक ने बताया कि भारत में कई चीजें पाकिस्तान से बेहतर हैं. उनका मानना है कि भारत में लोग खुश रहते हैं और वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर, खासकर पैदल चलने के लिए बनी सड़कों और सुविधाओं में सुधार है.

दीपक ने की भारत की तारीफ

दीपक ने कहा, "अगर हम जीवन की बात करें, तो जीवन यहां (पाकिस्तान) और वहां (भारत) समान है, लेकिन वहां (भारत) लोग ज्यादा खुश रहते हैं. महिलाएं स्वतंत्र रूप से चल सकती हैं, साइकिल चला सकती हैं, मोटरसाइकिल चला सकती हैं. यहां तक कि पानिपुरी विक्रेता भी टैबलेट का इस्तेमाल करते हैं. यह कहीं अधिक गतिशील है."

दीपक ने भारत के जयपुर शहर का विशेष रूप से उल्लेख किया और कहा कि वहां की रंग-बिरंगी और जीवंत संस्कृति उन्हें बहुत आकर्षित करती है. उन्होंने जयपुर को एक डिज़ाइनर के दृष्टिकोण से "बेहद सुंदर" और "जीवंत" बताया. दीपक ने कहा, "जयपुर में हर रंग खूबसूरत था, और वहां का वातावरण बहुत ताजगी देने वाला था. एक डिज़ाइनर के रूप में, मुझे लगता है कि जयपुर में हर चीज़ है - वास्तुकला, रंग, डिज़ाइन और वातावरण."

कराची और लाहौर पर क्या बोले दीपक

दीपक ने पाकिस्तान के शहरों, खासकर कराची की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, "कराची में कुछ भी नहीं है. अगर कुछ है भी, तो वह बंद पड़ा है. जबकि लाहौर में कुछ अच्छे वातावरण और सुविधाएं हैं, लेकिन कराची का हाल बहुत खराब है."

दीपक ने यह भी कहा कि जयपुर में जीवन अधिक मुक्त महसूस होता था और वहां की स्वच्छ हवा और रंग-बिरंगी संस्कृति उन्हें बहुत आकर्षक लगी. उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा, "मैंने जयपुर से कराची लौटने के बाद देखा कि वहां के कई पुराने इमारतें खंडहर में बदल चुकी हैं. यह देखना बहुत दुखद था कि हम क्या कर रहे हैं."