Uttarakhand Tunnel : चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड के सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूर सही सलामत बाहर आ गए हैं. ये सभी मजदूर 16 दिनों तक उसी टनल में ही फंसे रहे. इन 41 मजदूरों में एक दीपक नाम का एक बिहार का भी मजदूर फंसा था. जो इस समय अपने घर बिहार के मुजफ्फरपुर पहुंच गए हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कई रोचक तथ्य बताए.
सरकार के प्रयास से मिली कामयाबी
चारधाम यात्रा के लिए चार किलोमीटर बन रहे इस टनल का एक हिस्सा उत्तरकाशी के पास में 12 नवंबर को अचानक ढह गया. इसमें वहां पर काम कर रहे 41 मजदूर वहीं फंस गए. जिसके बाद युद्ध स्तर पर केंद्र और उत्तराखंड सरकार ने प्रयास किया और सभी मजदूरों को 28 नवंबर को 16 दिन बाद बाहर निकालने में कामयाबी मिली.
चोर-पुलिस का खेलते थे खेल
दीपक ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि शुरुआती दो दिनों तक तो उन लोगों को बचने की उम्मीद नजर नहीं आ रही थी. हालांकि फिर खाने के लिए लाई, ऑक्सीजन, मिल जाता था. लोगों की दुआ काम आ गई और हम लोग सही सलामत बाहर आ गए. उनसे जब पूछा गया कि आप लोग मनोरंजन के लिए क्या करते थे. तो दीपक ने बताया कि वो लोग चोर-पुलिस खेल के अपना मनोरंजन करते थे. उन्होंने बताया कि टनल में सोने के लिए टनल में गैन्ट्री होती है जिसके टेक्सटाइल नाम के एक चादर को बिछाकर लोटते और सोते थे.
#WATCH | Muzaffarpur, Bihar: Deepak who was rescued from the Silkyara tunnel, reaches his native place.
— ANI (@ANI) December 1, 2023
He says, "...I am very happy, as we did not know when we would come out... Our family, friends, and everyone's well wishes worked, and we came out safely... We were… pic.twitter.com/SyIEeZcOfW
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