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होम लोन नहीं भर पाया तो बंदूक लेकर बैंक लूटने पहुंचा शख्स, फिर जो हुआ आप भी नहीं कर पाएंगे यकीन

Viral News: यह घटना इस बात की गवाही देती है कि आर्थिक तंगी और मानसिक दबाव किसी भी व्यक्ति को किसी भी हद तक ले जा सकते हैं. दलिम बसु ने अपनी परेशानियों से निपटने के लिए गलत रास्ता चुना, और इसका खामियाजा उसे पुलिस द्वारा गिरफ्तार होने के रूप में भुगतना पड़ा.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Kolkata man tries to rob bank with toy gun arrested
Courtesy: Social Media

Viral News: किसी को भी यह विश्वास करना मुश्किल हो सकता है कि एक शख्स अपने घर के कर्ज की तंगी और अन्य व्यक्तिगत समस्याओं से परेशान होकर बैंक लूटने का मन बना सकता है. हाल ही में कोलकाता के सर्वे पार्क इलाके में एक ऐसी अजीब घटना घटी, जो इस सोच को और भी चौंकाने वाली बना देती है. यहां एक व्यक्ति ने एक नकली बंदूक के साथ बैंक में घुसकर लूट की कोशिश की, लेकिन आखिरकार वह अपनी योजना में सफल नहीं हो पाया. जानिए इस दिलचस्प घटना के बारे में पूरी जानकारी.

यह घटना शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे की है, जब 31 वर्षीय दलिम बसु नामक व्यक्ति कोलकाता के एक राष्ट्रीयकृत बैंक में पहुंचा. बसु, जो पोस्ट विभाग में कार्यरत था, बैंक में किसी आम ग्राहक की तरह घुसा. वह एक नकली बंदूक और एक चाकू लेकर आया था और उसने सभी ग्राहकों तथा कर्मचारियों से बगैर किसी डर के सब कुछ लूटने की धमकी दी.

आर्थिक संकट से जूझ रहा था शख्स

बसु का कहना था कि वह आर्थिक संकट से जूझ रहा था और अपने घर के कर्ज का भुगतान नहीं कर पा रहा था, जिसके कारण उसने यह खतरनाक कदम उठाया. उसे यह लगा कि बैंक में कुछ पैसे मिल जाने से उसकी समस्या हल हो सकती है, लेकिन उसने यह नहीं सोचा कि इस असामान्य कदम का क्या परिणाम हो सकता है.

नकली बंदूक पर गई ग्राहकों की नजर तो पकड़ा गया शख्स

जैसे ही बैंक में मौजूद लोग बसु की धमकी से घबराए, उनकी नज़र उसकी बंदूक पर पड़ी. मगर जल्द ही एक महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया. वह बंदूक असल में एक खिलौना थी. बैंक के कर्मचारी और ग्राहक उसकी योजना को समझते हुए धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़े और उसे पकड़ लिया. बिना किसी शोर-शराबे के, वह पकड़ा गया और पुलिस के हवाले कर दिया गया.

गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने कहा कि बसु के पास से न केवल नकली बंदूक, बल्कि एक चाकू भी बरामद हुआ. हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में किसी को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन यह घटना यह साबित करने के लिए पर्याप्त थी कि मानसिक दबाव और कर्ज के बोझ के चलते एक व्यक्ति किस हद तक जा सकता है.