'मुझे सेफ्टी चाहिए...' कोलकाता रेप केस के बाद महिला ने छोड़ा बेंगलुरु, शिफ्ट हुई अमेरिका, लोगों ने कहा- अच्छा फैसला
बेंगलुरु की एक महिला 'सेफ्टी' का हवाला देते हुए अमेरिका शिफ्ट हो गई. महिला ने वहां शिफ्ट होने के पीछे की कुछ वजहें भी बताईं. जब उन्होंने अपनी सेफ्टी और अन्य वजहों के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा, तो कई यूजर्स ने उनका खुलकर समर्थन किया. महिला ने कहा कि शुरुआत में मेरे मन में काफी कुछ चल रहा था, लेकिन आखिर में मैंने अमेरिका में शिफ्ट होने का फैसला किया.
कोलकाता कांड के बीच बेंगलुरु की एक महिला का सोशल मीडिया पोस्ट वायरल है. सोशल मीडिया पोस्ट लिखने वाली महिला के मुताबिक, शुरू में इस बात को लेकर वो असमंजस में थी कि उसे सिलिकॉन वैली में रहना चाहिए या विदेश जाना चाहिए. आखिरकार उन्होंने फैसला लिया और अमेरिका में शिफ्ट हो गईं. विबा मोहन नाम की महिला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अमेरिका में रहने के अपने फैसले के पीछे चार कारण बताए.
मोहन ने जो पहला कारण बताया वह था सांस्कृतिक माहौल (Cultural Atmosphere). उन्होंने लिखा कि अमेरिका की संस्कृति के बारे में दो चीजें हैं जो मुझे पसंद हैं. पहला- आशावाद... यहां हर कोई संभावनाओं को लेकर उत्साहित है. अगर आप असफल होते हैं, तो आप बस फिर से कोशिश करते हैं. दूसरा है... शिल्प कौशल (Craftsmanship).
अमेरिका शिफ्ट होने के दूसरे कारण के बारे में उन्होंने लिखा कि सार्वजनिक स्थानों और कार्यस्थल दोनों में वूमन सेफ्टी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. अमेरिका में आप बिलकुल फ्री होकर काम कर सकते हैं, बिना किसी सहकर्मी के इर्द-गिर्द छिपकर. यहां किसी दूसरे की नजर में रहने से आप बचकर आजादी से रह सकते हैं. उन्होंने लिखा कि किसी सुरक्षित जगह पर रहना न केवल आपको शांत महसूस कराता है, बल्कि ये आपको और उर्जावान बनाता है, जिससे आप अधिक प्रॉडक्टिव बनते हैं.
मोहन का तीसरा कारण वीज़ा प्रॉसेस की जटिलताओं के इर्द-गिर्द घूमता है. उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि मैं यहां आने के लिए खुद को H1B से नहीं बांधूंगी या मास्टर डिग्री पर बहुत पैसा खर्च नहीं करूंगी. O1 प्राप्त करना और इसके साथ मिलने वाली आजादी ने इसे बहुत आसान बना दिया.
अंत में, उन्होंने बेंगलुरु और सैन फ्रांसिस्को के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की तुलना की. उन्होंने लिखा कि बेंगलुरु में कुछ प्रतिभाशाली दिमाग हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है! लेकिन टेक्निकल सैनेरियो का क्या? ये अक्सर फिनटेक, लास्ट माइल, ई-कॉमर्स पर फोकस्ड होता है, जो कि आम तौर पर संदिग्ध होते हैं. ये बदल रहा है, जो कि बहुत अच्छा है, लेकिन जिन समस्याओं में मेरी सबसे अधिक रुचि है, वे अभी भी सैन फ्रांसिस्को में हल की जा रही हैं.
मोहन ने ये कहते हुए अपनी बात खत्म की कि बेंगलुरु हमेशा वहीं रहेगा, जहां मेरा दिल है. मैंने वहां सबसे अच्छे दोस्त बनाए हैं और सबसे ज्यादा सीखा है. लेकिन मैं जो करना चाहती हूं, उसके लिए अमेरिका ही सबसे सही जगह है.
सोशल मीडिया यूजर्स ने किया मोहन का समर्थन
मोहन की ओर से कुछ दिन पहले शेयर की गई इस पोस्ट को अब तक 137,000 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. उनके पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने कमेंट्स कर उनका समर्थन किया है. एक यूजर ने लिखा कि मैं ज़्यादातर प्वाइंट्स से सहमत हूं. मैं यहां बुनियादी ढांचे और नागरिक भावना को भी जोड़ूंगा.
एक अन्यू यूजर ने लिखा कि मैं 10 साल से ज़्यादा समय तक अमेरिका में रहा और अपनी खुद की कंपनी शुरू करने के लिए भारत लौट आया. दोनों के अपने फ़ायदे और नुकसान हैं, इसलिए जहां आप खुश हैं, वहीं रहें. इसके अलावा, अब मैं अमेरिका में जितना कमाता था, उससे कहीं ज़्यादा कमाता हूं, लेकिन तकनीक के मामले में, अमेरिका बहुत बढ़िया था.
एक अन्य ने लिखा कि बुद्धिमानी भरा निर्णय! आजादी, पैसा, लाइफ क्वालिटी, जिसमें बुनियादी ढांचा, जलवायु, सूर्य, जल, प्रकृति शामिल है, मित्र और परिवार के अलावा हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर भी शामिल है.