आमतौपर पर लोग किसी रिलेशनशिप में जाने के लिए सिंगल्स को चुनते हैं, जिनकी शादी न हुई हो. शादिशुदा मर्दों को तो लड़कियां डेट करने से परहेज करती हैं. आमतौर पर ऐसी धारणा है कि एक शादीशुदा मर्द के साथ डेटिंग, अडल्ट्री है और गलत है. पर ऑस्ट्रेलिया की कातिजा कॉर्जेट को ऐसा नहीं लगता है. उन्हें सिर्फ शादीशुदा मर्द ही पसंद आते हैं. उसे सिर्फ अमीर और शादीशुदा मर्दों पर ही क्रश आता है.
द सन की एक रिपोर्ट के मुताबाकि कातिजा कॉर्जेट पेशे से एक सेक्स वर्कर हैं और उनकी उम्र 28 साल है. वह कहती हैं कि उनके साथ रिलेशन बनाने के बाद लोग अपनी पत्नियों से बात नहीं कर पाते हैं. उनका मानना है कि किसी शादीशुदा मर्द के साथ रिश्ते बनाने से मना करना उस शख्स के साथ भेदभाव है. जो पास आए, उसे सर्विस देनी चाहिए.
'ज्यादातर शादीशुदा मर्द आते हैं मेरे पास'
कातिजा कॉर्जेट का कहना है कि मेरे ज्यादातर क्लाइंट शादीशुदा मर्द होते हैं. ज्यादातर लोग, जो अपने रिश्तों से खुश नहीं होते, वे मेरे पास आते हैं. कुछ लोगों के रिश्ते बेहतर भी होते हैं तब भी मेरे पास आते हैं. कातिजा का कहना है कि उनके दोस्तों के पास भी शादीशुदा मर्द आते हैं.
'खराब रिश्तों से जूझ रहे लोग ही लेते हैं सर्विस'
कातिजा कॉर्सेट ने कहा कि जो लोग अपनी शादीशुदा जिंदगी से खुश नहीं होते, सेक्स लाइफ से खुश नहीं होते, वे हम लोगों के पास आते हैं. वे सिर्फ फिजिकल होने नहीं आते बल्कि इमोशनली टूट चुके होते हैं इसलिए मिलने आते हैं.
'शादीशुदा मर्दों को डेट करना चीटिंग नहीं'
खातिजा ने कहा 'मुझे नहीं लगता कि जब हम शादीशुदा मर्दों को डेट करते हैं, तब चीटिंग कर रहे होते हैं. वे किसी भी तरह की रोमांटिंग फीलिंग हमसे शेयर नहीं करते. वे सिर्फ फिजिकल होने आते हैं. हम भी सिर्फ उनसे फिजिकल होते हैं, इमोशनली नहीं जुड़ते. वे सिर्फ राहत की तलाश में आते हैं. फिजिकली संतुष्ट होने के बाद वे छोड़कर चले जाते हैं.'
'सिंगल्स मुझे नहीं कर सकते हैं अफोर्ड'
कातिजा बताती हैं, 'लोग उसे सिर्फ देखने और चूमने आते हैं. शादीशुदा महिलाओं को ये नहीं लगना चाहिए कि सेक्स वर्कर्स उन्हें, उनके बेडरूम से खींचकर लाते हैं. जब रिश्ते टॉक्सिक हो जाते हैं तो लोग निकलना चाहते हैं. शादीशुदा मर्द मर्जी से मेरे पास आते हैं. सिंगल लड़के मुझे अफोर्ड नहीं कर सकते. मेरी डिमांड बहुत आती है. मैं चीटिंग को नहीं मानती. लोग कुछ मजबूरियों की वजह से उस रिश्ते से बाहर नहीं आ पाते, इसलिए हमारे पास आते हैं.'