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'पीने को दूध नहीं था, उसके बिस्किट मैं खा जाती थी...', जसप्रीत बुमराह की ये कहानी हो गई वायरल

बुमराह की पड़ोसी रही एक पत्रकार दीपल त्रिवेदी ने एक्स पर लंबी पोस्ट में उनके बचपन के बारे में अनसुनी कहानी बताई है. त्रिवेदी ने खुलासा किया कि बुमराह की मां दलजीत उनकी सबसे अच्छी दोस्त हैं. उनकी मां ने 1993 में उन्हें काम से एक दिन की छुट्टी लेने के लिए कहा था क्योंकि वह एक बच्चे की उम्मीद कर रही थीं. दीपल त्रिवेदी उस पल को याद किया जब उन्होंने पहली बार बुमराह को गोद में लिया था.

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Jasprit Bumrah
Courtesy: Social Media

टी20 वर्ल्ड कप में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने तबाही मचा दी. अपनी गेंदबाजी से सभी टीमों के होश उड़ा दिए. बुमराह को प्लेयर ऑफ टूर्नामेंट चुना गया. आज हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है. हालांकि उनका बचपन गुरबत में गुजरा है. उनकी मां ने उन्हें बड़ी जतन के साथ पाला है. बुमराह की पड़ोसी पत्रकार दीपल त्रिवेदी ने तेज गेंदबाज के लिए एक भावुक पोस्ट लिखा है और अहमदाबाद में गुजरे उनके शुरुआती जीवन के बारे में अनसुनी कहानी बताई है. 

एक्स पर एक लंबी पोस्ट में दीपल त्रिवेदी ने लिखा है कि क्रिकेट के बारे में मेरी समझ 'शून्य' है. बताया कि वह विराट कोहली को अनुष्का शर्मा के पति के रूप में जानती हैं. त्रिवेदी ने खुलासा किया कि बुमराह की मां दलजीत उनकी सबसे अच्छी दोस्त हैं, जिन्होंने 1993 में उन्हें काम से एक दिन की छुट्टी लेने के लिए कहा था क्योंकि वह एक बच्चे की उम्मीद कर रही थीं.

जब पहली बार बुमराह को गोद में लिया

दीपल त्रिवेदी उस पल को याद करती हैं जब उन्होंने पहली बार बुमराह को गोद में लिया था. उन्होंने कहा कि यह मेरा पहला मौका था जब मैंने किसी नवजात बच्चे को छुआ था. मुझे बस इतना याद है कि बच्चा दुबला-पतला था. वह मुस्कुराने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वह मुस्कुरा नहीं रहा था. नर्स ने कहा कि वह लड़का है. वह दुबला-पतला और कमज़ोर था. 

मैं उसके बिस्किट खा जाती थी

पिता के निधन के बाद बुमराह के जीवन के बारे में बताते हुए त्रिवेदी ने लिखा, मेरे दोस्त के पति का निधन जल्द ही हो गया. जीवन बदल गया. हम निराश हो गए. उस पूरे महीने, मैंने बच्चों को संभाला. बच्चा पढ़ाई में कभी भी दिलचस्पी नहीं लेता था और अपनी सस्ती प्लास्टिक की गेंद से खेलना शुरू कर देता था. मैं कभी-कभी उसके बिस्किट भी खा लेती थी क्योंकि मैं बच्चों की देखभाल करते समय भूखा रहती था. हम भूखे रहे, हमने संघर्ष किया, हमने रोया, हमने लड़ाई की. लेकिन लड़के का संघर्ष सबसे बुरा था. हम उसे अमूल डेयरी का एक पैकेट या कोई भी दूध नहीं दे पाते थे. जैसे-जैसे वह बड़ा होता गया, हम सब अपनी ज़रूरतें पूरी करने में व्यस्त हो गए. उसकी मां दिन में कम से कम 16-18 घंटे काम करती थी. 

उसे जब विंडचीटर दिलाया

नन्हे बुमराह के साथ एक और घटना को याद करते हुए त्रिवेदी ने बताया कि कैसे उन्होंने काम पर वेतन वृद्धि मिलने के बाद उनके लिए एक विंडचीटर खरीदा था. त्रिवेदी ने लिखा कि मुझे याद है कि एक बार मेरा वेतन बढ़ा और मैं वेस्टसाइड गई, जो उस समय की सबसे पॉश दुकान थी, जहां मैं कुर्ता खरीदने गई थी. जसप्रीत वहां था, उसकी उम्र उस समय लगभग 8 साल थी. वह अपनी मां के दुपट्टे के पीछे छिपा हुआ था. उसे एक विंडचीटर चाहिए था. उसे मेरा यही एक तोहफा है. मैंने दिवाली, क्रिसमस और अपना जन्मदिन बिना नए कुर्ते के बिताया. लेकिन उसके विंडचीटर ने मुझे राजदीप राणावत या मनीष मल्होत्रा ​​या किसी और का कुर्ता पहनने का संतोष दिया. 

चुप रहने वाला बच्चा था बुमराह

बुमराह के क्रिकेट सफर और टी20 विश्व कप 2024 में उनके बेहतरीन प्रदर्शन की सराहना करते हुए त्रिवेदी ने लिखा,अपनी बहन के विपरीत, वह एक शर्मीला और चुप रहने वाला बच्चा था. वह अब एक लीजेंड है. उसकी उपलब्धियों में और इजाफा करते हुए, कल रात उसने हमारे लिए क्रिकेट विश्व कप जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हर भारतीय को उस पर गर्व होना चाहिए और उससे सीखना चाहिए. उसकी विनम्रता में कोई बदलाव नहीं आया है. उसका नाम जसप्रीत बुमराह है. पोस्ट के साथ, त्रिवेदी ने जसप्रीत बुमराह, उनकी पत्नी संजना गणेशन, उनके बेटे अंगद और मां दिलजीत के साथ तस्वीरें साझा की है.