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IIT कानपुर की परीक्षा में अरविंद केजरीवाल को लेकर पूछा सवाल, विवाद छिड़ने के बाद सोशल मीडिया पर मची हलचल

आईआईटी कानपुर की परीक्षा का एक सवाल हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें अरविंद केजरीवाल का मजाक उड़ाया गया. सवाल में केजरीवाल से पीएम मोदी के 'मन की बात' सुनने के लिए फिल्टर डिजाइन करने को कहा गया था, जिससे विवाद पैदा हो गया.

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Edited By: Princy Sharma
IIT Kanpur Arvind Kejriwal Question
Courtesy: Social Media

IIT Kanpur Arvind Kejriwal Question: आईआईटी कानपुर में आयोजित एक परीक्षा का सवाल हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस सवाल में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मजाक उड़ाया गया था. सवाल में यह बताया गया कि कैसे केजरीवाल को पीएम मोदी के 'मन की बात' प्रोग्राम को सुनने के लिए एक फिल्टर डिजाइन करना है. हालांकि,यह सिर्फ एक तकनीकी सवाल था, लेकिन इसके कंटेंट ने विवाद को जन्म दिया.

यह सवाल 11 फरवरी को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग (ESC201 कोर्स) के एक बड़े क्विज में पूछा गया था. सवाल में छात्रों से यह कहा गया था कि वे एक ऐसा फिल्टर डिजाइन करें, जिससे केजरीवाल एक रेडियो चैनल की सामग्री पास कर सकें, जबकि दूसरे दो चैनलों को -60dB तक कम कर सकें, ताकि वह पीएम मोदी का प्रोग्राम सुन सकें. छात्रों को यह फिल्टर R (रेसिस्टोर), L (इंडक्टर) और C (कैपेसिटर) घटकों का उपयोग करके डिजाइन करना था. इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि केजरीवाल को चुनावी खर्च के बाद केवल 50 ओम का रेसिस्टोर, एक वेरिएबल इंडक्टर और वेरिएबल कैपेसिटर ही अफोर्ड कर सकते हैं.

इस सवाल के दो भाग थे, जिनमें छात्रों से फिल्टर का गुणवत्ता गुणांक (quality factor) और इंडक्टेंस व कैपेसिटेंस के मान निकालने को कहा गया था. यह सवाल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, क्योंकि इसमें अरविंद केजरीवाल और उनकी चुनावी हार का जिक्र था. कुछ लोग इसे मजाक के रूप में देख रहे थे, जबकि कुछ ने इसे छोटी सोच का उदाहरण बताया.

आईआईटी कानपुर के अधिकारियों ने इस सवाल के बारे में एक बयान जारी किया और कहा कि यह एक आम बात है कि प्रोफेसर अपने सवालों को रोचक बनाने के लिए प्रसिद्ध व्यक्तित्वों का संदर्भ देते हैं. इस तरह के सवालों में पहले भी टोनी स्टार्क जैसे काल्पनिक पात्रों का उल्लेख किया गया था. अधिकारियों ने कहा कि इसका उद्देश्य शैक्षिक था, न कि किसी अन्य प्रकार के इरादे से.

इस मामले पर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं. कुछ यूजर्स ने इसे इंजीनियरिंग छात्रों के लिए एक अच्छा और वास्तविक संदर्भ वाला सवाल बताया, तो कुछ ने इसे अनुचित और राजनीति से प्रभावित बताया.