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रूस के जासूस की मौत..! कौन है व्हेल ह्वाल्डिमिर जिसने जीत लिया लाखों लोगों का दिल

14 फुट लंबी और 2,700 पाउंड वजनी व्हेल ह्वाल्डिमिर नामक बेलुगा व्हेल की नॉर्वे में मौत हो गई है. यह बेलुगा बाकि सभी बेलुगाओं के विपरीत थी, जो आमतौर पर सुदूर और ठंडे आर्कटिक जल में रहते हैं. वही इस खबर पर मरीन माइंड के संस्थापक सेबेस्टियन स्टैंड ने दुख जताया है. उनके मुताबिक ह्वाल्डीमीर ने नॉर्वे में हजारों लोगों के दिलों को छू लिया था.

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Edited By: India Daily Live
Hvaldimir
Courtesy: Social Media

साल 2019 में दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचने वाली ह्वाल्डिमिर नामक बेलुगा व्हेल की नॉर्वे में मौत हो गई है. 14 फुट लंबी और 2,700 पाउंड वजनी इस व्हेल को पांच साल पहले कैमरे के लिए डिजाइन किए गए हार्नेस के साथ देखा गया था, जिसके बाद इंटरनेट पर इसे ह्वाल्डिमिर द स्पाई व्हेल का दिया गया था. दरअसल हार्नेस पर सेंट पीटर्सबर्ग से उपकरण का चिन्ह था, जिससे अटकले लगाई जाने लगी कि व्हेल रूसी टोही मिशन का हिस्सा थी, इसके बाद रहस्य और गहरा हो गया क्योंकि रूस द्वारा अधिकारिक कोई दावा नहीं किया गया, जिससे दुनिया को आश्चर्य हुआ कि क्या यह व्लेह एक जासूस थी या बस एक दुर्भाग्यपूर्ण व्हेल थी जो किसी अजीब परिस्थिति में फंस गई थी.

हालांकि देखते ही देखते बेलुगा, जिसका नाम व्हेल के लिए नॉर्वेजियन शब्द 'हवल' और रूसी नाम व्लादिमीर का मिश्रण है, जल्दी ही वैश्विक स्तर पर आकर्षण का केंद्र बन गई.

ह्वाल्डिमिर नामक बेलुगा व्हेल की मौत

यह बेलुगा बाकि सभी बेलुगाओं के विपरीत थी, जो आमतौर पर सुदूर और ठंडे आर्कटिक जल में रहते हैं, हवलदिमीर मनुष्यों के आस-पास असामान्य रूप से सहज दिखाई देते थे, एक्सपर्ट्स के मुताबिक वह अपने जीवन के अधिकांश समय कैद में रहा था.

ह्वाल्डीमीर ने नॉर्वे में जीत लिया लोगों का दिल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ह्वाल्डीमीर की सेप्टी के लिए काम कर रही गैर लाभकारी संगठन मरीन माइंड के संस्थापक सेबेस्टियन स्टैंड ने कहा, 'यह हृदय विदारक खबर है, ह्वाल्डीमीर ने नॉर्वे में हजारों लोगों के दिलों को छू लिया, क्योंकि पिछले साल नॉर्वे ने अपने नागरिकों से अनुरोध किया था कि वे ह्वाल्दिमीर के साथ किसी भी प्रकार का संपर्क न करें, जिसे ओस्लो के निकट फ्योर्ड में देखा गया था.

कैसे हुई ह्वाल्डीमीर की मौत

वहीं नॉर्वे के मत्स्य निदेशालय द्वारा जारी एक बयान में कहा, 'ह्वाल्डिमिर के नाम से जानी जाने वाली सफेद व्हेल अब आंतरिक ओस्लोफजार्ड में रहती है, इसका मतलब है कि यह बहुत घनी आबादी वाले क्षेत्र में आ गई है और इस प्रकार मानव संपर्क के कारण व्हेल के घायल या मौत होने की संभावना अधिक हो गया है'.