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India Daily

3550000000 करोड़ का बिजली बिल, उपभोक्ता के पैरों के नीचे से खिसकी जमीन, हरियाणा बिजली विभाग का कारनामा

यह घटना बिजली विभाग के सिस्टम में गंभीर तकनीकी खामियों को उजागर करती है, जो उपभोक्ताओं के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है. इस मामले को लेकर उपभोक्ताओं का विश्वास भी प्रभावित हो सकता है. विभाग को अपनी बिलिंग प्रणाली में सुधार की दिशा में तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Haryana Electricity Department
Courtesy: Social Media

Haryana News: हरियाणा के सोनीपत जिले में  बिजली विभाग की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. यहां के घरेलू बिजली के उपभोक्ता को बिजली विभाग ने 25 दिन में लगभग 30 करोड़ यूनिट बिजली की खपत दिखाते हुए 355 करोड़ रुपये का बिल भेज दिया.जिसे देख कर वह चकित रह गए। इस बिल में न सिर्फ भारी रकम थी, बल्कि कई शुल्क भी गलत तरीके से जोड़े गए थे. इतनी मोटी राशि देखकर ग्राहक हैरान हो गए, जब जांच-पड़ताल हुई तो इस घटना का खुलासा हुआ,

दरअसल, ये मामला गन्नौर के उमेदगढ़ गांव के रहने वाले लवेश गुप्ता के साथ हुआ है. जिन्हें बिजली विभाग की ओर से 25 दिनों का 355 करोड़ रुपये का बिल भेजा गया, जिसे देख कर वह चकित रह गए.इस बिल में न सिर्फ भारी रकम थी, बल्कि कई शुल्क भी गलत तरीके से जोड़े गए थे. इस पर लवेश गुप्ता ने तुरंत इस बिल की शिकायत विभाग से की और अधिकारियों से संपर्क किया. विभाग ने इसे तकनीकी गड़बड़ी बताया और पुष्टि की कि इस तरह की गलती 16 अन्य उपभोक्ताओं के बिलों में भी हुई थी, जिन्हें सुधार लिया गया है.

बिजली विभाग ने बताई टेक्निकल प्रॉबल्म

बिजली विभाग के अधिकारियों ने इस मुद्दे को तकनीकी खराबी के कारण बताया. इस दौरान बिजली विभाग के एसडीओ सचिन दहिया ने कहा कि जिन उपभोक्ताओं ने अपना बिजली लोड बढ़वाया था, उनके बिलों में यह गलती हुई. इस दौरान कुल 16 उपभोक्ताओं के बिल में ऐसी गड़बड़ी आई थी. फिलहाल, बिजली विभाग ने इन गलत बिलों को सही किया और सभी प्रभावित उपभोक्ताओं को सूचित कर जानकारी दे दी है.

गलत शुल्क लगाकर कस्टमर का बिल किया जारी

लवेश गुप्ता को भेजे गए 355 करोड़ रुपये के बिल में कई तरह के शुल्क शामिल थे, जो सही नहीं थे. इनमें 33,904 रुपये का फिक्स चार्ज, 1,99,49,72,648 रुपये का एनर्जी चार्ज, 14,09,99,128 रुपये का फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट, 1,34,99,93,541 रुपये का पीएलई चार्ज, 2,99,99,814 रुपये का इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और 4,27,20,113 रुपये का म्युनिसिपल टैक्स जोड़ा गया था. इतना बड़ा बिल देखकर लवेश गुप्ता बेहद हैरान हो गए थे.

भविष्य में सुधार की अपील

लवेश गुप्ता ने इस गलती के बाद बिजली विभाग से अपील की कि विभाग को अपनी बिलिंग प्रणाली को और मजबूत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर विभाग की प्रणाली को ठीक किया जाता है तो भविष्य में इस तरह की गलतियों से बचा जा सकता है, जिससे उपभोक्ताओं का समय और पैसा दोनों बचेंगे.