बाल विवाह से बची, माता-पिता ने पढ़ाने से किया मना, लड़की ने टॉप कर लिखी सफलता की कहानी
Viral Video: निर्मला ने अपनी पढ़ाई के लिए कई तरह की बाधाओं को पार किया. उसके माता-पिता उसकी शादी कराना चाहते थे, लेकिन उसने धैर्य और दृढ़ता से पढ़ाई की और आंध्र प्रदेश में प्रथम वर्ष की इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं में टॉप किया.
Viral Video: आंध्र प्रदेश की एक लड़की ने गुरबत की सियाही से अपनी सफलता की कहानी लिख दी है. आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के पेद्दा हरिवनम की एस निर्मला ने प्रथम वर्ष की इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में 95.7% के साथ टॉप किया. उसने जिस हालात में रहकर ये किया हैं वो मिसाल है.
निर्मला ने अपनी पढ़ाई के लिए कई तरह की बाधाओं को पार किया. उसके माता-पिता उसकी शादी कराना चाहते थे, लेकिन उसने धैर्य और दृढ़ता से पढ़ाई की और आंध्र प्रदेश में प्रथम वर्ष की इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं में टॉप किया. कुरनूल जिले के पेद्दा हरिवनम की रहने वाली एस निर्मला ने 440 में से 421 अंक (95.7%) हासिल किए. उसने पिछले साल कक्षा 10 की परीक्षा 600 में से 537 अंकों (89.5%) के साथ उत्तीर्ण की थी.
माता-पिता की बाल विवाह योजनाओं के बावजूद उसका लक्ष्य एक आईपीएस अधिकारी बनना, बाल विवाह के खिलाफ वकालत करना और लड़कियों के सपनों को सशक्त बनाना है.
हालांकि, उसके गरीब माता-पिता उसकी पढ़ाई के खिलाफ थे. अपनी तीन बेटियों की पहले ही शादी कर दी थी और निर्माल की भी शादी कराना चाहते थे. माता-पिता ने उसे यह कहते हुए समझाने की कोशिश की कि वे अब उसकी शिक्षा का खर्च नहीं उठा सकते. इसके अलावा, आस-पास कोई जूनियर कॉलेज नहीं है, उन्होंने नर्मला को बताया कि क्लास करने में काफी लंबी दूरी तय करना पड़ेगा. लेकिन निर्मला अड़ गई, उसने स्थानीय विधायक वाई साईप्रसाद रेड्डी से संपर्क किया.
उसके पढ़ने की इच्छा से प्रभावित होकर, अदोनी विधायक ने कलेक्टर जी सृजना को सूचित किया, जिन्होंने हस्तक्षेप किया और सबसे पहले निर्मला को आसन्न बाल विवाह से बचाया. बाद में जिला प्रशासन ने उसे असपारी स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में दाखिला दिला दिया. निर्मला ने कहा कि वह एक आईपीएस अधिकारी बनना चाहती है और बाल विवाह उन्मूलन की दिशा में काम करना चाहती है साथ ही अपने जैसी लड़कियों को उनके सपनों को पूरा करने में मदद करना चाहती है.