जर्मन स्कीयर ने यूरोप की सबसे ऊंचे पर्वत पर मौत को दी मात, हिमस्खलन के कहर से कैसे बचा, देखें रूह कंपा देने वाला वीडियो

यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत मोंट ब्लांक पर एक जर्मन स्कीयर के साथ एक हैरान कर देने वाली घटना हुई.  हिमस्खलन में बह जाने के बाद भी अपनी सूझबूझ और बचाव उपकरण की मदद से उसने मौत को मात दे दी. चरा सी चूक होने पर उसका खेल खत्म हो सकता था.

यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत मोंट ब्लांक पर एक जर्मन स्कीयर के साथ एक हैरान कर देने वाली घटना हुई.  हिमस्खलन में बह जाने के बाद भी अपनी सूझबूझ और बचाव उपकरण की मदद से उसने मौत को मात दे दी. चरा सी चूक होने पर उसका खेल खत्म हो सकता था.

बचाव उपकरण बना जीवन रक्षक

वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि जैसे ही वह व्यक्ति ढलान से नीचे फिसलने लगा, उसने अपने एंटी-एवलॉन्च एयरबैग को फुला लिया, जिसने उसे बर्फ की सतह के ऊपर रखने में मदद की. इस एयरबैग ने उसे बर्फ में दबने से बचाया और संभवतः उसकी जान बचाई.

हेलीकॉप्टर से पहुंचाया गया अस्पताल

हिमस्खलन के बाद उस व्यक्ति को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया और फिर हेलीकॉप्टर द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया.  फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है.

अन्य हिमस्खलनों में गई जानें

दुर्भाग्यवश, उसी दिन मोंट ब्लांक पर अलग-अलग हिमस्खलनों में पांच अन्य स्कीयर की जान चली गई.  यह घटना मोंट ब्लांक की खतरनाक परिस्थितियों को उजागर करती है, खासकर बर्फबारी के मौसम में.

बढ़ती चेतावनी, बढ़ती दुर्घटनाएं

हाल के वर्षों में, मोंट ब्लांक और आसपास के क्षेत्रों में हिमस्खलन की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिससे पर्वतारोहियों और स्कीयरों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है.  मौसम विभाग द्वारा लगातार चेतावनी जारी करने के बावजूद, ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं, जो पर्वतारोहण की जोखिम भरी प्रकृति को दर्शाती हैं.

सुरक्षा उपायों का महत्व

यह घटना एक बार फिर पर्वतारोहण और स्कीइंग के दौरान सुरक्षा उपायों के महत्व को रेखांकित करती है. एंटी-एवलॉन्च एयरबैग जैसे उपकरण जीवन रक्षक साबित हो सकते हैं, लेकिन इनके साथ-साथ मौसम की जानकारी, उचित प्रशिक्षण और सावधानी भी बेहद ज़रूरी है.